जबलपुर के निजी अस्पतालों का हाल इतना बुरा है कि इन पर हाईकोर्ट तक को फटकार लगानी पड़ी है। कोर्ट ने ने तल्ख टिप्पणी कर कहा कि राज्य के निजी अस्पताल कोरोना के इलाज के नाम पर मनमानी वसूली नहीं कर सकते। विभिन्न वर्ग के मरीजों के लिए मानक निर्धारित होने चाहिए। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल व जस्टिस सुजय पॉल की डिवीजन बेंच ने कोर्ट मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ की ओर से पेश महत्वपूर्ण सुझावों को गम्भीरता से लिया। कोर्ट ने सभी संबंधित पक्षकारों को निर्देश दिए कि इन सुझावों के संदर्भ में अपना जवाब पेश करें।
कोर्ट के इस आदेश के बाद अब कलेक्टर वाले रेट लिस्ट को लेकर घमासान मचा है। इस बीच कलेक्टर से बातचीत में कांग्रेस नेताओं ने बताया कि भ्रामक प्रचार में जनरल वार्ड के पलंग के लिए 8 हजार, सेमी प्राइवेट वार्ड के 11 हजार, प्राइवेट वार्ड के 15 हजार और आईसीयू के 20 हजार प्रति दिन की जानकारी सोशल मीडिया में वायरल की जा रही है। कलेक्टर ने कहा कि ऐसा कोई भी निर्णय नहीं हुआ। कलेक्टर को इस मुद्दे पर अपना अलग से बयान तक जारी करना पड़ा है।
कलेक्टर से बातचीत के बाद कांग्रेस नेताओं ने कहा कि ऐसा लगता है कि निजी अस्पताल प्रशासन लोगों में भ्रम फैला कर आमजन से मनमानी वसूली के फिराक में हैं। बताया कि उन्होंने कलेक्टर से कहा है कि वह जल्द से जल्द निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाएं। ऐसा नहीं होने पर कांग्रेस की तरफ से जनांदोलन किया जा सकता है।
कलेक्टर से मिलने पहुंचे कांग्रेसजनों में ब्लॉक अध्यक्ष शिव कुमार चौबे, पूर्व पार्षद ताहिर अली, मोहम्मद राजू लाईक, सेवादल पूर्व अध्यक्ष झल्ले लाल जैन, रामदास यादव, रज्जू सराफ, शैलेश राठौर, अशोक बादवा, जितेंद्र यादव, रोहित तिलक राज यादव, पूनम सोनकर, आयुष अग्रवाल आदि शामिल थे।