
वाहनों के पीछे दौड़ रहे कुत्ते,बचने के चक्कर में हो रही सडक़ दुर्घटना
जबलपुर। शहर की सडक़ों पर आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इन खुंखार कुत्तों ने लोगों को दहशत में डाल रखा है। आलम यह है कि रात के समय दो पहिया वाहन से गुजरने वाले राहगीर इनकी वजह से सडक़ हादसे का शिकार हो रहैं। दरअसल इसकी वजह है वाहनों के पीछे इन खुंखारों का दौड़ लगाना। पत्रिका एक्सपोज ने देर रात कुछ सडक़ों का जायजा लिया तो इन खुंखार कुत्तों की फौज नजर आई। इनकी वजह से कुछ राहगीरों ने अपना रास्ता तक बदल लिया था।
सिविक सेंटर,कटंगा,रसल चौक, नेपियर टाउन आदि इलाकों में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ गई है। इन आवारा कुत्तों का झुंड राहगीरों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। एेसे इलाकों से लोगों का गुजरना दुश्वार हो गया है। हैरत की बात यह है कि ये हालात तब बने हुए हैं जब नगर निगम खुंखारों की नसबंदी पर लाखों रुपए खर्च कर रही है। बावजूद इसके आदमखोर कुत्तों का कहर थमनेका नाम नहीं ले रहा है। राह चलते लोगों पर ये कुत्ते लपक रहे हैं।
कागजों पर कार्रवाई
आवारा कुत्तों की आबादी पर नियंत्रण करने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। हर माह ४ सौ से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी करने का दावा भी किया जा रहाहै। इसके बावजूद कुत्तों की संख्या कम नहीं हो रही है। सडक़ों पर कुत्ते घात लगाए बैठे रहते हैं। सूनी सडक़ों से वाहन गुजरने पर वे उनके पीछे दौड़ लगा देते हैं।
हाइड्रोफोबिया का शिकार
डॉक्टरों के अनुसार आवारा कुत्ते तब ही लोगों को काटते हैं जब उनके शरीर में रैबीज की अधिकता हो जाती है। रैबीज इनकी लार में आ जाता है। इसका यदि बचाव नहीं किया गया और इंजेक्शन नहीं लगाया गया तो यह रैबीज शरीर में धीरे-धीरे फैलने लगता है और कुछ समय बाद मरीज हाइड्रोफोबिया का शिकार हो जाता है।
नौ हजार लोग शिकार
जानकारों का कहना है कि 20-25 लोग प्रति दिन विक्टोरिया अस्पताल कुत्ते के शिकार होने के बाद इंजेक्शन लगाने पहुंचते हैं। वहीं मेडिकल अस्पताल में 10-12 लोग रैबीज का इंजेक्शन लगवाने आते हैं। चिकित्सकों की माने तो साल भर में तकरीबन नौ हजार लोगों को रैबीज का इंजेक्शन लगाया जाता है।
तेजी से बढ़ रही संख्या
भले ही नगर निगम कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण पाने की बात कह रहे हों , लेकिन हकीकत तो यह है कि गली, मोहल्ला, मुख्य सडक़ों और चौराहों पर इनकी बढ़ी संख्या आसानी से दिखी जा सकती है। यही वजह है आमजन इनसे परेशान हो चुका है। आलम यह है कि सूनी सडक़ों से गुजरने वाले राहगीरों के पीछे आवारा कुत्ते इस कदर पड़ते हैं कि उनसे बचने के लिए अपनी जान तक जोखिम में डाल देते हैं।
ये रखें सावधानी
सडक़ पर यदि आवारा कुत्ता आपकी ओर झपटे तो जहां हैं वहीं खड़े हो जाएं।
कुत्ते को देखकर दौड़ नहीं लगाए
कुत्ते के काटने के बाद घाव को साबुन से अच्छे तरीके से धोना चाहिए।
ये मिले हालात
सिविक सेंटर
सिविक सेंटर के पास करीब 25-30 कुत्ते सडक़ पर मिले। ये कुत्ते चिकिन परोसने वाले ठेलों के पास बैठे हुए थे। इन दुकानों के करीब से गुजरने वाले वाहन चालकों को दौड़ा रहे थे।
कटंगा क्रॉसिंग
कटंगा से चौथा पुल की तरफ जाने वाले मार्ग पर कुत्तों का झुंड मौजूद था। ये खुंखार वहां से गुजरने वाले वाहनों के पीछे दौड़ रहे थे। यहां एक चिकिन सेंटर के पास लोगों द्वारा छोड़ा गया चिकिन कुत्तों को परोसा जा रहा था।
रसल चौक
रसल चौक से बराठ रोड। इस मार्ग पर आवारा कुत्ते दर्जनों की संख्या में मिले। कुछ वाहन चालक तो कुत्तों को देखकर ही आधे रास्ते से वापस आ गए।
केस 1
गुरूवार को गढ़ाफाटक निवासी नीरज कुमार अपने किसी परिजन के साथ कटंगा से होते हुए ग्वारीघाट जा रहे थे। इस दौरान कटंगा क्रॉसिंग के समीप तीन कुत्ते उनके पीछे पड़ गए। आधा किलोमीटर तक कुत्तों ने दौड़ाया। इस घटना में नीरज बाल-बाल बचे।
केस2
शुक्रवार को गोलबाजार निवासी आकाश ठाकुर अपने दोस्त के साथ सिविक सेंटर के पास से गुजर रहा था। इस दौरान उसके वाहन के पीछे कुत्तों ने दौड़ लगा दी। घबराहट में अनियंत्रित होकर एक चौपहिया से टकरा गया।
Updated on:
05 Mar 2020 12:22 pm
Published on:
05 Mar 2020 12:18 pm
बड़ी खबरें
View Allजबलपुर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
