
Forensic Lab
जबलपुर. रीजनल फॉरेसिंक साइंस लैब (आएफएसएल) की बिल्डिंग छठी बटालियन परिसर में लगभग तैयार हो गई है। निर्माण एजेंसी इस माह आरएफएसएल अधिकारियों को भवन सौंप सकती है। सबसे पहले यहां बायोलॉजी लैब में काम शुरू होगा। आगामी दिनों में टॉक्सीकोलॉजी, कैमेस्ट्री और डीएनए लैब खुलेगी। हाईटेक उपकरणों को इंस्टॉल करने के साथ नए डॉक्टर्स, स्टाफ की तैनाती नए भवन में होगी।
एक लैब, छह से अधिक जिले
गोरखपुर सीएसपी कार्यालय के पास संचालित आरएफएसल में अभी बायोलॉजी लैब का संचालन हो रहा है। यहां खून, थूक, बाल, चमड़ी, सीमन, यूरिन आदि की जांच होती है। टॉक्सीकोलॉजी लैब से संबंधित बिसरा, कीड़ों के काटने, सांप के डसने से मौत होने, आग से जले कपड़ों, अवशेष और कैमेस्ट्री से संबंधित रसायनों की जांच के लिए सैम्पल सागर या भोपाल भेजना पड़ता है। डीएनए जांच के लिए अभी भोपाल पर निर्भर हैं।
ये है स्थिति (प्रतिमाह)
50 से अधिक ब्लड सैम्पल की जांच 150 से ज्यादा दुराचार, अप्राकृतिक कृत्य से सम्बंधित मामलों की स्लाइड
यहां है डीएनए जांच लैब
●एफएसएल सागर
●आरएफएसएल भोपाल
●आरएफएसएल ग्वालियर
आरएफएसएल से जुड़े संभाग : जबलपुर, बालाघाट
इन जिलों से आते हैं सैम्पल : जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला समेत आसपास के अन्य जिले।
डीएनए लैब है महत्वपूर्ण
आरएफएसएल जबलपुर से हर माह 150 से अधिक सैम्पल डीएनए जांच के लिए भोपाल स्थित लैब भेजे जाते हैं। वहां से जांच रिपोर्ट आने में समय लगता है। जबलपुर में डीएनए लैब खुलने से जिले समेत आसपास के जिलों के डीएनए जांच जल्द हो सकेगी। इसके लिए जल्द बजट आवंटित होगा।
Published on:
02 Sept 2023 12:01 pm
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