
ganesh chaturthi 2017 siddha manokamna ganesh mandir gwarighat jabalpur real story
जबलपुर। भगवान गणेश रिद्धि-सिद्धि के दाता हैं। भक्त श्रद्धापूर्वक और पूर्ण विश्वास के साथ इनसे जो भी मांगता है उसकी मुराद पूरी करते हैं। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण जबलपुर के श्री सिद्ध गणेश मंदिर में देखने को मिलता है। नर्मदा तट पर ग्वारघाटी में स्थित इस मंदिर में भगवान श्री गणेश अपनी पत्नी रिद्धि और सिद्धि के साथ निवास करते हैं।
मंदिर के विषय में मान्यता है कि जब इसके निर्माण की तैयारी चल रही थी तब प्रारंभ में मंदिर को भूमि तल से 5-6 फीट ऊपर उठाकर बनाने का निश्चय किया गया। मंदिर निर्माण के लिए जब भूमि की खुदाई प्रारंभ हुई तो 4 फीट नीचे भगवान श्री सिद्ध गणेश की लगभग ढाई फीट उंची प्रतिमा मिली। मंदिर निर्माण के बाद, इसी प्रतिमा को मंदिर में स्थापित किया गया।
ऐसे होती है मनोकामना पूरी
इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु अपनी मनोकामना पर्ची पर लिखकर एक नरियल सहित मंदिर में अर्पित कर देते हैं। मंदिर प्रबंधन द्वारा पर्ची पर लिखी मनोकामना को एक रजिस्टर में व्यक्ति के नाम और पते के साथ लिख लिया जाता है। इसके बाद पर्ची और नारियल गणेश जी के सामने रखा जाता है। माना जाता है कि पर्ची पर लिखी मनोकामना गणेश जी पूरी करते हैं। मनोकामना पूरी होने के बाद लोग आकर अपनी मन्नत के अनुसार गणेश जी की विशेष पूजा अर्चना करते हैं।
नारियल में बंधी अर्जी,रजिस्टर में होती है दर्ज
श्री सिद्ध गणेश मंदिर के संस्थापक स्वामी रामबहादुर महाराज ने बताया कि अनेक बाधाओं के बीच इस मंदिर का निर्माण हुआ है। जिसके लिए भगवान से अर्जी लगाई गई थी। तब से यह मंदिर अर्जी वाले गणेश मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां अर्जी लगाने वाले नारियल के साथ आते हैं। अर्जी बकायदा रजिस्टर में दर्ज की जाती है। अब तक करीब 80 हजार लोग अर्जी लगा चुके हैं। इन सबका लेखा जोखा भी मंदिर में मौजूद है।
Santan Saptami 2017 इस व्रत से मिलती है मनचाही संतान, होती है उन्नति, जानें महत्व और विधि
नंबर आवंटित होता है
राम बहादुर महाराज बताते हैं कि मंदिर में अर्जी लगाने वालों का पूरा लेखा-जोखा रखा जाता है, इसके लिए रजिस्टर भी बनाए गए हैं। इस रजिस्टर में संबंधित व्यक्ति का ब्यौरा दर्ज किया जाता है, साथ ही उसे नम्बर भी आवंटित किया जाता है। नारियल पर नंबर दर्ज कर उसे संबंधित व्यक्ति की मनोकामना के साथ भगवान गणेश के दरबार में रख दिया जाता है। नंबरों के चलते मंदिर प्रबंधन के पास उन सभी लोगों का पूरा ब्यौरा मौजूद है, जो यहां आकर अर्जी लगाते हैं। इसके अलावा गणेश के दरबार में आने वाले नारियलों को व्यवस्थित तरीके से रखा गया है। श्रद्धालु बताते हैं कि जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है, तब वे मंदिर में विशेष पूजा अर्चना कर भगवान के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हैं।
दस दिन विशेष अनुष्ठान
गणेशोत्सव के दौरान चतुर्थी तिथि से लेकर अनंत चौदस तक विशेष पूजन अनुष्ठान होते हैं। दस दिनों तक भगवान का अलग-अलग शृंगार व सहस्त्रार्चन किया जाता है। जिसके लिए लोग कतार में रहते हैं, किंतु किसी एक को ही अनुष्ठान करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।
Updated on:
26 Aug 2017 11:44 am
Published on:
26 Aug 2017 08:40 am
बड़ी खबरें
View Allजबलपुर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
