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गणेश जी की आरती: इन आरती के बिना पूरी नहीं होती भगवान गणेश की पूजा, देखें वीडियो

श्रीगणेश का जन्मोत्सव 2 सितम्बर से पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा, बिना आरती के भगवान का पूजन अधूरा माना जाता है, शंख, घंटी आदि भी बजाते समय भगवान का ध्यान करना चाहिए

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ganesh ji ki aarti

ganesh ji ki aarti

जबलपुर/भगवान श्रीगणेश का दस दिवसीय जन्मोत्सव 2 सितम्बर से पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। घरों से लेकर सार्वजनिक पंडालों में भगवान की मनोहारी प्रतिमाएं विराजेंगी। हर तरफ भगवान गणेश का पूजन वंदन और जयकारा सुनाई देगा। कोई उन्हें मोदक का भोग लगाएगा तो कोई लड्डू चढ़ाकर अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करेगा। भगवान का वैदिक विधि से मंत्रोच्चारण के साथ पूजन अर्चन सुबह शाम किया जाएगा। लेकिन बिना आरती के भगवान का पूजन अधूरा माना जाता है। इसलिए भगवान गणेश की सुबह शाम दोनों पहर आरती की जाती है।

ज्योतिषाचार्य पं. जनार्दन शुक्ला के अनुसार आरती करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि आरती का दिया बुझे नहीं। नियम पूर्वक आरती की थाल को घुमाया जाए। इसके साथ ही शंख, घंटी आदि भी बजाते समय भगवान का ध्यान करना चाहिए। भगवान गणेश प्रथम पूज्य होने के साथ ही विघ्नहर्ता भी हैं। आरती में उनके इन्हीं गुणों का बखान किया गया है। जिससे वे प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं।

श्री गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करे
सेवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा

अँधे को आँख देत कोढ़िन को काया
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया
सूर श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा