
ganesh chaturthi 2017 muhurt puja vidhi in hindi
जबलपुर। 25 अगस्त से गणेश चतुर्थी पर्व की शुरूआत हो गई,जो अब अपने चरमपर है। हर तरफ भगवन की जय जयकार हो रही है। भगवान गणेश के भक्त 10 दिनों के लिए गणपति बप्पा को अपने घर लेकर आते हैं और उनकी स्थापना करते हैं. ऐसा माना जाता है गणेश जी कैलाश पर्वत को छोड़कर अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए धरती पर आते हैं। इस साल गणेश चतुर्थी का यह त्योहार 5 सितंबर तक चलेगा और अनंत चतुर्थी के दिन गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन कर उन्हें खुशी और उत्साह के साथ विदा किया जाएगा। इस वर्ष गणेश चतुर्थी का पर्व 11 दिन तक चलेगा।
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विसर्जन का महत्व-
ज्योतिषाचार्य सचिनदेव महाराज के अनुसार गणपति बप्पा को भाग्य, सफलता और समृद्धि का अग्रदूत माना जाता है। भक्त उन्हें अपने घर पर इसलिए लाते हैं ताकि बप्पा की कृपा उन पर सदैव बनी रहे। ऐसा माना जाता है कि गणेश भगवान कैलाश पर्वत छोड़कर धरती पर सिर्फ इसलिए आते हैं जिससे वह अपने भक्तों को आशीर्वाद दे सकें। इसके अलावा इन 10 दिनों की पूजा के दौरान गणेश जी को घर लाने से पहले पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है जिसे प्राण प्रतिष्ठा कहा जाता है। इसी तरह भगवान को विदा करने के समय भी उनके भक्त पूरी निष्ठा के साथ पूजा करके उन्हें कैलाश पर्वत भेजते हैं।
गणपति विसर्जन-
पानी में गणपति की मूर्ति का विसर्जन करने से मंत्र उच्चारण और आरती की जाती है। आरती के बाद गणपति को मोदक या मिठाई का भोग लगाया जाता है जिसके बाद सभी भक्तों में वह प्रसाद बांटा जाता है। गणपति का विसर्जन उत्तारंग पूजा से शुरू होता है और इस पूजा में पांच चीजें दीपक, गंध, नैवेद्य, धूप और पुष्प मुख्य रूप से शामिल होते हैं। घर से निकलने से पहले कोई एक भक्त गणपति की मूर्ति को उठाकर आगे तक जाता है, जिसका मतलब होता है की अब भगवान को विसर्जन के लिए लेकर जाने की तैयारी की जा रही है। सभी भक्त भगवान पर अक्षत की बौंछार करते हैं और अपनी हथेली पर एक चम्मच दही रखकर प्रार्थना करते हैं कि गणपति एक बार फिर जल्दी उनके घर आएं।
इसके बाद एक लाल कपड़े में गुड़ और पांच अन्य अनाज को उस कपड़े में बांधा जाता है। इस कपड़े को गणेश जी के हाथ में बांधा जाता है जिसका मतलब होता है कि उनकी यात्रा के लिए खाना तैयार किया गया है। भगवान को विसर्जन के लिए ले जाते वक्त उनके भक्त गणपति बप्पा मोरया मंत्र का उच्चारण करते हैं और विसर्जन वाली जगह के लिए आगे बढ़ते हैं। उनकी मंगलगय यात्रा की कामना करने के साथ ही भक्त यह प्रार्थना करते हैं कि पूरे वर्ष उन पर गणपति की कृपा बनी रहे।भक्त यह प्रार्थना करते हैं कि पूरे वर्ष उन पर गणपति की कृपा बनी रहे।
गणेश विसर्जन तिथि
4 सितंबर, 2017 को चतुर्दशी तिथि सुबह 12:14 बजे शुरू होगी
चतुर्दशी तिथि 5 सितंबर, 2017 को 12:41 बजे समाप्त हो जाएगी
गणेश विसर्जन के लिए शुभ चोघडिया मुहूर्त
सुबह का मुहूर्त (चार, लाभ, अमृत) - 09:32 बजे- 02:11 अपराह्न
दोपहर का मुहूर्त (शुभ) = 03: 44 बजे- 05:17 बजे
शाम का मुहूर्त(प्रयोग) = 10:17 अपराह्न - 11: 44 बजे
रात का मुहूर्त (शुभ, अमृत, चार) = 11:11 बजे
Published on:
30 Aug 2017 08:18 am
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