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कॉलेजों में जनरल प्रमोशन को लेकर फंसा यह पेंच, पढ़ें पूरी खबर

छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट करने के लिए नहीं शुरू हो पा रही प्रक्रिया

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college admission process

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जबलपुर। कॉलेजों में जनरल प्रमोशन की शासन की घोषणा से विश्वविद्यालय और कॉलेजों के लिए उलझन खड़ी हो गई है। विश्वविद्यालय जहां परेशान हैं कि इस तरह की घोषणा का विश्वविद्यालय अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है। कॉलेज परेशान हैं कि बिना नियम कायदों के कैसे छात्रों का रिजल्ट तैयार करें। घोषणा हुए करीब एक पखवाड़ा हो रहा है।

आसान नहीं है नियमों में बदलाव
उच्च शिक्षा सूत्रों का कहना है कि परीक्षा नहीं होने पर पिछली परीक्षा के अंकों और सीसीई के आधार पर अंक देकर रिजल्ट बनेगा लेकिन इसमें भी एक बड़ी समस्या है, बिना परीक्षा के रिजल्ट बनाने से पहले विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन करना होगा। यह एक लंबी प्रक्रिया है। प्रपोजल बनाना, कैबिनेट में मंजूर करना और फिर विधानसभा में पारित करना आसान काम नहीं है। इस निर्णय के बाद उपजी परिस्थितियों को देखते हुए यूजीसी की गाइडलाइन से लेकर विश्वविद्यालय अधिनियम और एमएचआरडी के प्रावधानों को खंगाला जा रहा है।

अधिनियम में संशोधन
जानकारों के अनुसार मप्र के गठन के बाद बिना परीक्षा के रिजल्ट बनाने, जनरल प्रमोशन देने की स्थिति आपदा या युद्ध में भी नहीं बनी। 70 साल में पहली बार 2020 में कोविड संक्रमण के कारण छात्रों की सुरक्षा के लिए बिना परीक्षा के रिजल्ट बनाना जरूरी है। अधिनियम में बिना संशोधन किए जाने पर कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है। ऐसे में कानूनी समस्या भी खड़ी हो सकती है।
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में गाइडलाइन तैयार की जा रही है। दिशा निर्देश प्राप्त होते ही विश्वविद्यालय की ओर से आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. दीपेश मिश्रा, कुलसचिव रादुविवि

छात्रों का रिजल्ट तैयार करने को लेकर अभी स्थितियां स्पष्ट नहीं हैं। अभी हम शासन के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई करेंगे।
प्रो. आभा पांडे, प्रभारी प्राचार्य, महाकोशल कॉलेज