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गूगल मैप बता रहा है सेंटर में नहीं बनी छोटी लाइन चौराहा की रोटरी

गूगल मैप बता रहा है सेंटर में नहीं बनी छोटी लाइन चौराहा की रोटरी तीन साल तक प्रयोग के बावजूद चौराहे के नहीं दे सके सही आकार, भूल भुलैया जैसे चौराहे में अनजान राहगीरों के लिए मुश्किल होता है मार्ग का चयन, कई और चौराहों में निगम की इंजीनिरिंग पर उठ रहे सवाल

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sadak

jarjar ho rhi sadak

जबलपुर। शहर के चौराहों की इंजीनियरिंग सुधारने सालों से कवायद चल रहे है। रोटरी बनाने, तोडऩे और सिग्नल लगाने से लेकर लेफ्ट टर्न खोलने पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन यातायात सुगम नहीं हो पा रहा है। तकनीकी विशेषज्ञों की मानें तो शहर के चौराहों की इंजीनियरिंग दुरुस्त करने की कवायद में निगम के जिम्मेदार तकनीकी पहलुओं को हर बार नजरंदाज कर रहे हैं। नतीजन यातायात का जबर्दस्त दबाव झेलने वाले ज्यादातर चौराहे प्रयोगशाला बनकर रह गए हैं। गूगल मैप पर नजर डालें तो छोटी लाइन चौराहा में की रोटरी बनाने में की गई लापरवाही स्पष्ट नजर आ रही है। चौराहा की रोटरी सेंटर में नहीं है। ये चौराहा भूलभुलैया बन गया है। अनजान राहगीरों के लिए इस चौराहे पर मार्ग का चयन आसान नहीं रहता है।

ये है तकनीकी समस्या-

केस १-

छोटी लाइन चौराहा-चौराहा में बड़ी रोटरी बड़ी बना दी गई। लेकिन रोटरी सेंटर में नहीं है। छोटी लाइन फाटक व रेल की पटरिया हटने से जमीन खाली होने के कारण चौराहा विकसित करने जितनी जगह मिली थी उसका सही उपयोग नहीं हो सका।

केस २-

ब्लूम चौक-शास्त्रीब्रिज से होमसाइंस कॉलेज की ओर मुडऩे के लिए बनाए गए लेफ्ट टर्न में आईटीएमएस का खंभा लगा दिया गया। जिसके कारण लेफ्ट टर्न में राहगीरों को पूरी जगह नहीं मिल पाती है और अक्सर यहां जाम लग जाता है।

केस ३-

तीन पत्ती चौराहा-तीन पत्ती चौराहा में नगर निगम छोर व बस स्टैंड छोर सड़क के दोनों ओर लेफ्ट टर्न ठीक ढंग से विकसित नहीं किया गया। नतीजतन स्पॉट पर यातायात सुगम नहीं हो सका दोनों लेफ्ट टर्न पर जाम लग जाता है।