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यूजी-पीजी कोर्स की कॉपी जांचने से सरकारी कॉलेजों के प्रोफेसर कर रहे इनकार, अब होगी कार्रवाई

यूजी-पीजी कोर्स की कॉपी जांचने से सरकारी कॉलेजों के प्रोफेसर कर रहे इनकार, अब होगी कार्रवाई

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जबलपुर. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की उत्तर पुस्तिकाएं प्रोफेसरों की कमी से जूझ रही हैं। कॉपियों की जांच समय पर पूरी न होने का असर शैक्षणिक कैलेण्डर पर पड़ रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन को प्राइवेट कॉलेजों के प्रोफेसरों के भरोसे कॉपियों की जांच करवानी पड़ रही है।

नौ लाख कॉपियां हर साल
जानकारों के अनुसार हर साल विश्वविद्यालय में यूजी एवं पीजी पाठयक्रम की विभिन्न परीक्षाओं की करीब 9 लाख उत्तर पुस्तिकाएं जांचने के लिए विभिन्न जिलों से पहुंचती हैं। इन कॉपियों की जांच के लिए 1100 प्रोफेसरों की आवश्यकत विश्वविद्यालय प्रशासन को होती है। सरकारी कॉलेजों से बमुश्किल करीब 200 से 300 प्रोफेसर ही उपलब्ध होते हैं। परीक्षाओं में कॉपियों की जांच पूरी न होने के कारण परीक्षाएं एवं परिणाम पर भी असर पड़ रहा है।

कई परीक्षाएं दो से तीन माह लेट चल रहीं हैं। ऐसे में सत्र प्रभावित होने का भी खतरा बना हुआ है। विश्वविद्यालय प्रशासन को कई विषयों की कॉपियों की जांच के लिए देवी अहिल्या बाई यूनिवर्सिटी, बरकतउल्ला विवि, रीवा विश्वविद्यालय को भेजनी पड़ रही हैं।

यह बात सामने आई है कि शासकीय कॉलेजों के प्रोफेसरों का सहयोग विवि को नहीं मिल रहा है। जिससे शिक्षण सत्र पर भी असर पड़ रहा है। परीक्षा कार्य में असहयोग करने वाले ऐसे प्रोफेसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग को विवि प्रशासन लिखने जा रहा है।
प्रो.कमलेश मिश्रा, रजिस्ट्रार, रादुविवि