इन्होंने सरकारी स्कूल में की है पढ़ाई, आज हैं आईपीएस, आईएएस और डॉक्टर
सरकारी स्कूलों में पढ़कर ही पाया श्रेष्ठ मुकाम, जिले में पदस्थ आईएएस, आईपीएस सहित मेडिकल कॉलेज के संस्थापक कुलपति भी कभी सरकारी स्कूलों के रहे हैं छात्र
govt school students, today IPS, IAS and doctor, best education in govt schools, patrika campaign neev, govt teacher, govt teacher jobs,
जबलपुर। प्रदेश की प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में शिक्षा पर एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट में जो खुलासा हुआ है वह चौंकाने वाला है, लेकिन एसपी, कलेक्टर, सहित उच्च पदों पर पदस्थ ऐसे अफसर भी हमारे जिले में हैं जिन्होंने सरकारी स्कूलों में शिक्षा हासिल की और उच्च पदों पर आसीन हुए। ये सभी अफसर अपने शिक्षकों को सफलता का श्रेय देते हैं।
शिक्षक हर छात्र पर देते थे ध्यान
जिले के एसपी आईपीएस एमएस सिकरवार ने भी सरकारी स्कूल से पढ़ाई की है। उनके पिता भी सरकारी नौकरी में थे। जिस कारण उनका तबादला होता रहा। एसपी सिकरवार समेत पूरा परिवार भी पिता के साथ जाता। सिकरवार ने भिंड, मुरैना, शिवपुरी और देवास के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की। इतना ही नहीं उनकी उच्च शिक्षा भी सरकारी कॉलेज में हुई। सिकरवार मानते हैं कि पहले सरकारी स्कूलों में शिक्षक काफी मेहनत और लगन से पढ़ाते थे। एक-एक बच्चे पर शिक्षकों का ध्यान होता था। यही कारण है कि हर एक बच्चा पढ़ाई में काफी होशियार होता था।
शिक्षकों के मार्गदर्शन ने सफल बनाया
मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी के सीएमडी आईएएस संजय शुक्ल की स्कूली शिक्षा सरकारी स्कूल से हुई। संसाधनों के आभाव के बीच पढ़ाई चुनौती थी पर शिक्षकों के मार्गदर्शन से और मेहनत से संभव हो गया। शुक्ल की शिक्षा बिहार के हजारीबाग जिले के ब्लॉक मुख्यालय तिलैया (अब जिला कोडरमा, झारखंड में) के शासकीय गांधी उच्च विद्यालय में हिंदी माध्यम से हुई। यहां संसाधन सीमित थे पर शिक्षक एक लक्ष्य बताते थे। नींव मजबूत हो गई थी। प्रारंभिक शिक्षा हिन्दी में हुई पर आगे की पढ़ाई अंग्रेजी में की। कोई समस्या नहीं हुई। शिक्षक अनुशासन और समपर्ण भाव के साथ पढ़ाते थे।