
High Court cancels attachment order of employee in MP
Attachments- सरकारी विभागों में कर्मचारियों, अधिकारियों के अटैचमेंट पर प्राय: विवाद सामने आते रहते हैं। अटैचमेंट के नाम पर कर्मचारियों को एक ऑफिस या विभाग से दूसरे ऑफिस या विभाग में भेजा जाता रहा है। एमपी में कर्मचारियों, अधिकारियों के ट्रांसफर पर पाबंदी लगी है। इसके बाद भी प्रशासनिक अधिकारी अटैचमेंट के नाम पर कर्मचारियों का कार्यस्थल बदल रहे हैं। इस पर एमपी हाइकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने अटैचमेंट के एक मामले की सुनवाई करते हुए ऑर्डर को निरस्त कर दिया। कार्य विभाजन के नाम पर एक कर्मचारी को जिला मुख्यालय से तहसील भेज दिया गया। उन्होंने इसे हाइकोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी जिसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सख्ती दिखाई।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि विभागीय अटैचमेंट दरअसल ट्रांसफर ही है और इसपर तो रोक लगी हुई है। फिर भला अधिकारी किसी कर्मचारी को इधर से उधर कैसे कर सकते हैं! हाईकोर्ट ने वकील के इस तर्क को स्वीकारते हुए स्पष्ट कर दिया कि मुख्यमंत्री की मंजूरी के बिना कर्मचारी का अटैचमेंट नहीं किया जा सकता।
नर्मदापुरम के तहसील कार्यालय के सहायक ग्रेड दो मनोज कुमार भारद्वाज को इटारसी अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में पदस्थ किया गया था। कार्य विभाजन के आधार पर नवंबर 2024 में यह पदस्थापना की गई। भारद्वाज द्वारा लगातार अभ्यावेदन देने पर नर्मदापुरम कलेक्टर ने उन्हें मार्च 2025 में इटारसी अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में अटैच कर दिया था।
मनोज कुमार भारद्वाज ने अटैचमेंट आदेश को द्वेषपूर्ण बताते हुए जबलपुर हाइकोर्ट में चुनौती दी। अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी ने कोर्ट में नर्मदापुरम कलेक्टर के आदेश को उनकी अधिकारिता से ही परे बताया। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी प्रकार के अटैचमेंट पर पाबंदी लगा रखी है। इसलिए नियमानुसार कार्य विभाजन या व्यवस्था के आधार पर किसी कर्मचारी को अटैच नहीं किया जा सकता है। जिले के कलेक्टर भी सरकारी आदेश के पालन करने के लिए पाबंद हैं।
नीति और नियमों के अनुसार किसी भी कर्मचारी का प्रशासनिक स्थानांतरण हो सकता है पर अटैचमेंट करना पूरी तरह नियमों का उल्लंघन है। इसलिए अटैचमेंट आर्डर निरस्त किया जाना चाहिए। याचिका पर सुनवाई के बाद जबलपुर हाईकोर्ट ने मनोज कुमार भारद्वाज के 7 मार्च 2025 के अटैचमेंट आदेश को निरस्त कर दिया।
Updated on:
16 Apr 2025 09:06 pm
Published on:
16 Apr 2025 04:46 pm
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