
MP Highcourt Jabalpur
साथ ही जिला बदर की मनमानी कार्रवाई को निरस्त कर दिया। एकलपीठ ने अपनी तल्ख टिप्पणी में कहा कि इस मामले में महज लिखित लाइनों के आधार पर आदेश पारित करने की गलती की गई है। यह रवैया कानून की दृष्टि में उचित नहीं है। जुर्माना राशि याचिकाकर्ता को प्रदान की जाए। वहीं, सरकार इस राशि की वसूली संबंधित अधिकारियों से करने स्वतंत्र है।
यह है मामला
सीधी निवासी शिवसेना के नगर अध्यक्ष विवेक पांडे ने जिला बदर की कार्रवाई के विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले 18 सितंबर को जिला कलेक्टर ने उनके विरुद्ध जिला बदर का आदेश पारित किया था। उक्त आदेश के विरुद्ध उन्होने संभागायुक्त के समक्ष अपील की थी। लेकिन संभागायुक्त ने उनकी अपील निरस्त कर दी। जिला बदर की कार्रवाई उनके विरुद्ध छह अपराधिक प्रकरण दर्ज होने के आधार पर की गई थी।
कोर्ट ने कहा, दिमाग नहीं लगाया
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि उसके खिलाफ अंतिम अपराध वर्ष 2020 में दर्ज हुआ था। शासन की ओर से बताया गया कि याचिकाकर्ता के विरुद्ध किसी ने गवाही नहीं दी, जिसका कारण याचिकाकर्ता का भय था। इसी आधार पर कलेक्टर ने उसके विरुद्ध जिला बदर का आदेश पारित कर दिया। कोर्ट ने कहा कि स्पष्ट है कि कलेक्टर ने दिमाग न लगाते हुए सिर्फ कागज में लिखी लाइन के आधार पर आदेश पारित कर दिया, जो कि कानूनी की दृष्टि में उचित नहीं है। संभागायुक्त ने भी दायर अपील को निरस्त कर दिया।
Published on:
30 Nov 2023 11:27 pm
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