
MP HIGH COURT
जबलपुर। हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी)को बलात्कार खासतौर से पॉक्सो एक्ट के मामलों में डीएनए प्रोफाइलिंग अनिवार्य किए जाने के निर्देश दिए हैं। पॉक्सो एक्ट के एक आरोपी के जमानत आवेदन पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विशाल मिश्रा की पीठ ने टिप्पणी की कि नाबालिग पीडि़ता की सहमति के कोई मायने नहीं होते, ऐसे में डीएनए रिपोर्ट होने से अपराध की स्थिति कायम रहती है।
यह है मामला
मामले के तथ्य यह हैं कि आवेदक पर बलात्कार, पॉक्सो एक्ट का मामला दर्ज है। हाई कोर्ट में जमानत आवेदन पर तर्क दिया कि पीडि़ता के साथ उसकी मां भी ट्रायल कोर्ट में मुकर गई। आवेदक की ओर से यह भी बताया गया कि एफएसएल रिपोर्ट निगेटिव निकली, इसलिए उसे जमानत दी जाए।
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सरकार ने किया विरोध
राज्य सरकार की ओर से इसका विरोध किया गया। डीएनए प्रोफाइलिंग नहीं कराए जाने को देखते हुए हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सीआरपीसी की धारा 53 ए के प्रावधानों के तहत आरोपी के साथ पीडि़त से एकत्र की गई सामग्री का विवरण डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए भेजा जाना चाहिए। लेकिन अधिकारी आपराधिक प्रक्रिया संहिता के उक्त प्रावधानों पर विचार करने में विफल रहे हैं।
कोर्ट ने ये निर्देश दिए
हाईकोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि वे इस संबंध में निर्देश जारी कर डीएनए प्रोफाइलिंग को अनिवार्य करें।
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Published on:
27 Dec 2022 07:09 pm
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