14 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Honey Trap: पूछताछ में हाथ लगे ये अहम सुराग, टेस्ट के लिए भेजे गए कर्नल के कंप्यूटर हार्डडिस्क, लैपटॉप और मोबाइल

बताया जा रहा है कि पूछताछ के बाद कुछ और भी संगीन खुलासे हुए हैं

2 min read
Google source verification
Honey Trap Case of jabalpur

Honey Trap Case of jabalpur

जबलपुर. हनी ट्रेप और गोपनीय दस्तावेज लीक मामले में फंसे जबलपुर के फाइव नॉट सिक्स आर्मी बेस वर्कशॉप के लेफ्टिनेंट कर्नल से मिलिट्री इंटेलीजेंस (एमआई) की टीम की पूछताछ जारी है। बताया जा रहा है कि पूछताछ के बाद कुछ और भी संगीन खुलासे हुए हैं। इस बीच कर्नल के कंप्यूटर हार्डडिस्क, लैपटॉप और मोबाइल एमआई द्वारा जांच के लिए लैब में भेज दिये गए हैं। यह आशंका मजबूत हो गई है कि आर्मी का यह ऑफिसर भी हनीट्रैप का शिकार हो सकता है। जानकारी के मुताबिक यह भ्रष्टाचार का भी मामला हो सकता है। अनाधिकृत जानकारी के अनुसार प्रारंभिक पूछताछ में कुछ सुराग मिल गए हैं हालांकि अधिकृत रूप से यह ही कहा गया है कि संदेही से पूछताछ चल रही है। गौरतलब है कि आईएसआई के हनीट्रैप में आने वाले वायुसेना के ग्रुप कैप्टन की करीब सातदिन पहले हुई गिरफ्तारी के बाद यह दूसरा मामला सामने आया है।


बोफोर्स का होता है मेंटेनेंस
एमआई टीम यहां खमरिया स्थित ५०६ आर्मी बेस वर्कशॉप पहुंची थी और लेफ्टिनेंट कर्नल के ऑफिस में दबिश दी थी। यहां दस्तावेज खंगाले गए। इसके बाद लेफ्टिनेंट कर्नल को टीम दि ग्रेनेडियर्स रेजीमेंटल सेंटर (जीआरसी) लेकर पहुंची, जहां बुधवार को तफ्सील से जानकारी ली गई। इस वर्कशॉप में बोफोर्स तोप, एके-४७ राइफल जैसे अन्य अहम सैन्य हथियारों के मेंटेनेंस का काम किया जाता है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि आरोपी अफसर ने सेना से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां सोशल मीडिया पर भी लीक की। हालांकि, अब तक सैन्य अफसर से पूछताछ और उससे मिली जानकारी की कोई पुष्टि नहीं की गई।


दिल्ली से खुफिया नजर:
सैन्य अफसरों की सोशल मीडिया संबंधी गतिविधियों पर सेना की आईटी सेल निगरानी रखती है। अफसरों के आपत्तिजनक पोस्ट पर सवाल-जवाब किए जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक फाइव नॉट सिक्स के सेक्शन इंचार्ज लेफ्टिनेंट कर्नल के मामले में भी ऐसा ही होना पाया गया है। सूत्रों की मानें तो इस अधिकारी के बैंक खाते में एक करोड़ से ज्यादा की राशि की जानकारी होने के बाद ही एमआई की टीम सक्रिय हुई। बताया जा रहा है कि लैब में इस बात की जांच पड़ताल की जाएगी कि संदेही आफिसर की मेल आईडी से कितने मेल सेंड और रिसीव किए गए। मोबाइल की कॉल डिटेल और लोकेशन निकालने के साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि कर्नल ने अपनी संदेहास्पद गतिविधियां कहां से चलाई?


जांच पूरी होने के बाद ही खुलासा
मध्य भारत क्षेत्र हेडक्वार्टर के जनसंपर्क अधिकारीकर्नल बीपी सिंह के मुताबिक लेफ्टिनेंट कर्नल से पूछताछ चल रही है। टीम ने क्या जानकारी हासिल की, यह स्पष्ट नहीं हो सका है। जांच पूरी होने पर गुरुवार तक कोई जानकारी दी जा सकेगी।