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दिल दहला देगी सरकारी अस्पताल की ये हकीकत, भर्ती मरीजों के साथ होता है ऐसा

locationजबलपुरPublished: Nov 19, 2020 01:05:12 pm

Submitted by:

Lalit kostha

फिर उभरी शर्मनाक तस्वीर
 

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government hospital in madhya pradesh

जबलपुर। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों के साथ उनके परिजन को भी अव्यवस्थाओं से जूझना पड़ता है। अस्पताल में आकस्मिक चिकित्सा कक्ष के बाहर ही अमानवीयता का सामना करना पड़ता है। परिजन को स्ट्रेचर और वार्ड ब्वॉय को बुलाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है, फिर बमुश्किल इलाज शुरू हो पाता है। मंगलवार को चरगवां में हुए सडक़ हादसे में घायल मजदूरों को पुलिस के अधिकारी पीठ पर लादकर इलाज के लिए ले गए। बुधवार को जब मेडिकल कॉलेज में पड़ताल की गई तो हालात बदतर मिले। कैजुअल्टी में वार्ड ब्वॉय तैनात नहीं थे। परिजन मरीज को गोद में उठाकर ले जा रहे थे। कुछ स्टे्रचर खींचकर मरीज को वार्ड तक ले जा रहे थे।

अराजक हालात: स्टाफ गायब, मरीजों के परिजन स्टे्रचर खींचने को मजबूर

 

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लोगों में आक्रोश
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मंगलवार को दुर्घटना में आए घायलों को इलाज के लिए ले जाने में एक एएसआई के प्रयास की जहां हर तरफ तारीफ हो रही है, वहीं यहां की अव्यवस्थाओं पर लोगों में आक्रोश है। बुधवार को सोशल मीडिया में लोग मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्थाओं पर खासी नाराजगी दिखा रहे थे। लोगों ने तो यह भी सवाल उठाया कि सरकार मेडिकल कॉलेज में स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं करा पा रही है तो यहां जनसहयोग से स्टे्रचर उपलब्ध कराए जाएं। अस्पताल में आउटसोर्स के तहत मैन पावर उपलब्ध कराने का अनुबंध है। वार्ड सहित आकस्मिक चिकित्सा कक्ष की व्यवस्थाओं के लिए 120 वार्ड ब्वॉय हैं।

सुविधाओं के नाम पर करोड़ों खर्च
मेडिकल कॉलेज में मरीजों की सुविधाओं के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। आउटसोर्स कम्पनी हाइट्स एजेंसी को प्रति माह लाखों का भुगतान हो रहा है। कैजुअल्टी में एक समय में आठ वार्ड ब्वॉय होने का दावा किया जाता है, परंतु हकीकत एकदम अलग है। जिन मरीजों के नाम पर आउटसोर्स से कर्मचारी रखे गए हैं, उनकी कोई निगरानी करने वाला भी नहीं है।जानकारी के अनुसार वाहन दुर्घटना में 30 से ज्यादा घायलों के आने की पूर्व सूचना मिल गई थी। इसके बाद भी स्टाफ ने लापरवाही बरती। आपात स्थिति में भी कैजुअल्टी में वार्ड ब्वॉय मौजूद नहीं थे।

 

Medical College Jabalpur

सीधी बात: डॉ. राजेश तिवारी, अधीक्षक

– क्या अस्पताल में स्टे्रचर की कमी है?
जवाब : नहीं, कैजुअल्टी में 27 स्ट्रेचर, 20 व्हीलचेयर हैं। छह वार्ड ब्वॉय हर समय मौजूद रहते हैं।
– बड़े हादसे के बाद भी कैजुअल्टी में स्ट्रेचर और वार्ड ब्वॉय नहीं थे। पुलिस को पीठ पर लादकर मरीजों को कैजुअल्टी ले जाना पड़ा।
जवाब : हादसे की सूचना मिलते ही कैजुअल्टी में स्ट्रेचर सहित वार्ड ब्वॉय, डॉक्टर्स की टीम को बुलाया गया था। मौके पर मौजूद स्टाफ मरीजों को ले जा रहा था। पुलिस को किन परिस्थितियों में मरीज को पीठ पर लादकर ले जाना पड़ा, इसका पता लगाएंगे।
– इस मामले में लापरवाही पर क्या कार्रवाई की?
जवाब- घटना के समय ड्यूटी पर तैनात कैजुअल्टी मेडिकल ऑफीसर से रिपोर्ट मांगी है। मौके पर मौजूद स्टाफ व अतिरिक्त स्टाफ की भी जानकारी मांगी है।
– मंगलवार की घटना के बाद भी हालात नहीं सुधरे। परिजन मरीज को गोद में या खुद ही स्टे्रचर खींचकर मरीज को ले जा रहे हैं।
जवाब : यह गंभीर मामला है। इस संबंध में सुपर वाइजर सहित अन्य जिम्मेदार स्टाफ से जवाब मांगा जाएगा। मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई होगी।

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