
Exam Tips
जबलपुर. साइंस के पेपर में डायग्राम जरूर आते हैं, जिसमें स्टूडेंट्स को नम्बर्स भी अच्छे मिलते हैं। ऐसे में जरूरी है कि एग्जाम के पहले तक कम से कम 10 डायग्राम स्टूडेंट्स तैयार कर लें। इसमें पुराने पेपर्स भी काम आएंगे, जहां से यह पता चलता है कि कौन से डायग्राम पेपर में पहले आते हैं। यह कहना है साइंस टीचर शिवेंद्र परिहार का। पत्रिका प्लस एक्सट्रा क्लास में उन्होंने बताया कि साइंस के पेपर में किस तरह से जरूरी बातों का ध्यान रखते हुए अच्छे माक्र्स पाए जा सकते हैं।
हर क्वेश्चन का प्रजेंटेशन अच्छा हो
एक्सपर्ट का कहना है कि पेपर चाहे कोई भी हो उसका प्रजेंटेशन अच्छा होना चाहिए। साइंस का पेपर के लिए भी पेपर प्रजेंटेशन काफी इम्र्पोटेंट होता है। इस पेपर में यदि प्रजेंटेशन अच्छा होगा तो स्टूडेंट्स को पूरे माक्र्स मिलते हैं। इस बीच एक बात का ध्यान भी रखना होगा कि यदि किसी की हैंडराइटिंग अच्छी नहीं है, तो वे एक लाइन छोड़कर एक लाइन में अपना जवाब लिख सकते हैं। इससे भी माक्र्स अच्छे मिलते हैं।
5 माक्र्स के क्वेश्चन में डायग्राम के 3 नम्बर
एक्सपर्ट का कहना है कि यदि 5 माक्र्स के क्वेश्चन में आंसर और डायग्राम बनाने के लिए आता है और स्टूडेंट्स यदि सही डायग्राम बनाते हैं तो उन्हें आसानी से 3 माक्र्स मिल सकते हैं। इसके साथ ही इन बातों का ध्यान रखना चाहिए कि जो सवाल पहले बन रहा है उसे जल्दी सॉल्व करें। वहीं 20 माक्र्स के ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन भी पूरे हल करने चाहिए।
इन बातों का रखें ध्यान
- कम से कम 10 डायग्राम तैयार करें।
- एग्जाम में ओम का नियम, डीजी जनेरेटर, इलेक्ट्रिक मीटर का डायग्राम आता ही है।
- डायग्राम की प्रैक्टिस के लिए ड्राइंग शीट का इस्तेमाल करें।
- लगातार ट्राई करने पर डायग्राम बनाया जा सकता है।
- स्टूडेंट्स को यह समझना होगा कि डायग्राम एक बार में एक कर नहीं बनाया जा सकता।
- कॉपी का प्रजेंटेशन ही नम्बर्स बढ़ाते हैं।
- हर क्वेश्चन के आंसर के बाद लाइनअप करें।
- लास्ट में वे क्वेश्चन सॉल्व करें, जिसमें उन्हें दिक्कत आ रही है।
Published on:
08 Feb 2020 11:11 am
बड़ी खबरें
View Allजबलपुर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
