
जबलपुर. हाईकोर्ट ने आगामी सप्ताह से मुख्यपीठ जबलपुर व खंडपीठ इंदौर व ग्वालियर में एक साथ शुरू होने जा रही हाइब्रिड सुनवाई प्रक्रिया के तहत फाइनल हियरिंग के लिए वकीलों को भौतिक सुनवाई का विकल्प चुनने की सलाह दी है। सम्बंधित पक्षों से सहमति पूर्वक यह विकल्प चुनने की अपेक्षा की गई।
अर्जेंट हियरिंग की अर्जी वाले मामलों में विकल्प चुनने से छूट लागू रहेगी। वकीलों को सुनवाई के दौरान गाउनपहनने से निजात रहेगी, हालांकि, काला कोट व बैंड पहनना अनिवार्य होगा। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक के आदेश पर रजिस्ट्रार जनरल राजेंद्र कुमार वानी ने उक्ताशय का सर्कुलर जारी किया। हाईकोर्ट ने 60 वर्ष से अधिक आयुके वकीलों से गुजारिश की है कि वे वर्चुअल हियरिंग का विकल्प चुनकर घर से ही बहस करें। उनका कोविड काल में कोर्ट परिसर आना उचित नहीं होगा।
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कोविड वैक्सीन डोज अनिवार्य
हाईकोर्ट में प्रवेश करने वाले वकीलों कर्मियों व पक्षकारों को एक वैक्सीन डोज अनिवार्य रहेगी। जिन्हें एक भी डोज नहीं लगी, वे दाखिल नहीं हो सकेंगे। वकील अपने मुकदमे का नम्बर आने से चंद मिनट पहले ही कोर्ट रूम के बाहर आकर खड़े होंगे। मास्क पहनना भी अनिवार्य होगा। यदि किसी वकील से सुरक्षा टीम आइडी पूफ मांगे तो बिना बहस किए दिखाना होगा।
कोर्ट में कैविएट दायर करेगी सरकार
प्रदेश के सरकारी महकमे में स्थानांतरण का दौर शुरु हो गया है और सरकारी आदेशों और निर्णयों पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक न लग सके, इसके लिए सरकार अलर्ट हो गई है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इसके लिए संयुक्त आयुक्त स्तर के अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी है।
विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमाराव ने संयुक्त आयुक्तों को जारी सरकार, अफसरों की तैनाती आदेश में कहा है कि शासन का पक्ष सुने बिना प्रकरणों पर स्थगन प्राप्त न हो इसलिए आपको कैविएट दायर कराने की कार्यवाही के लिए अधिकृत किया जाता है उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि वे तत्काल शासन की ओर से उच्च न्यायालय जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर खण्डपीठ में कैविएट दायर कर इसकी कॉपी विभाग को भेजें।
Published on:
08 Aug 2021 11:17 am
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