प्रतिबंधित दायरे में मिले निर्माण
नर्मदा मिशन जबलपुर की ओर से यह जनहित याचिका दायर कर जबलपुर के तिलवाराघाट में हो रहे कतिपय धार्मिक अवैध निर्माण होने का दावा कर इन्हें हटाने का आग्रह किया गया। अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने इन निर्माणों को नर्मदा के इको जोन के लिए घातक बताया। महाधिवक्ता शशांक शेखर ने पूर्व निर्देश के पालन में रिपोर्ट पेश कर बताया कि तिलवाराघाट तट के समीप हाईफ्लड-लेबल के तीन सौ मीटर दायरे के अंदर कुछ धार्मिक निर्माण पाए गए। कोर्ट ने इस जानकारी को रिकॉर्ड पर ले लिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रदेश स्तर पर नर्मदा किनारे हाईफ्लड लेवल के तीन सौ मीटर दायरे में जितने भी निर्माण किए गए हैं, उन्हें चिन्हित किया जाए। साथ ही जिला प्रशासन, ग्राम पंचायत व अन्य स्थानीय निकायों के अंतर्गत हुए इन अवैध निर्माणों को हटाए जाने के लिए गाइडलाइन बनाकर विधिवत सर्कुलर जारी किया जाए। सरकार को 3 सप्ताह के अंदर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया।
राजनीतिक हस्तक्षेप न हो
महाधिवक्ता शेखर ने कोर्ट को बताया कि प्रमुख सचिव के स्तर पर नर्मदा तटों की निगरानी व संरक्षण के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसे नकारते हुए कोर्ट ने कहा कि प्रमुख सचिव नहीं बल्कि सरकार के स्तर पर कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाए। कोर्ट ने कहा कि इन अवैध निर्माणों को हटाने में किसी भी तरह का राजनीतकि हस्तक्षेप का प्रभाव नहीं होना चाहिए।