scriptजबलपुर के होटलों में कोरोना के इलाज पर आईएमए ने उठाए सवाल | IMA alleges technicians treat corona in Jabalpur hotels | Patrika News

जबलपुर के होटलों में कोरोना के इलाज पर आईएमए ने उठाए सवाल

locationजबलपुरPublished: Oct 06, 2020 01:49:28 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

– आईएमए पदाधिकारी बोले. टेक्नीशियनों के सहारे होटलों में चल रहा इलाज-सीएमएचओ को लिखा पत्र

कोरोना वायरस प्रतीकात्मक फोटो

कोरोना वायरस प्रतीकात्मक फोटो

जबलपुर. कोरोना संक्रमण जारी है। भले ही यह देखने में लग रहा हो कि कोरोना को मात देने वालों की तादाद कोरोना से संक्रमित होने वालों की तुलना में ज्यादा दिख रही हो पर ये संख्या का खेल खतरनाक साबित हो सकता है। खास कर तब जब कोरोना संक्रमित संपन्न श्रेणी के मरीज अस्पतालों से इतर कही और जा कर अपना इलाज कराएं। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि यह बेहद खतरनाक है। इससे भी ज्यादा खतरनाक कोरोना विशेषज्ञों से इतर टेक्निशियनों से इलाज कराना है। जानकारों का कहना है कि अब जबलपुर में साधन संपन्न लोग न अस्पताल जा रहे हैं, न होम आइसोलेशन का पालन कर रहे हैं। इसकी जगह वो चुपके से होटलों में जा कर इलाज करा रहे हैं जो आईसीएमआर के कोरोना प्रोटोकॉल का खुले तौर पर उल्लंघन है।
इस संबंध में आइएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) की जबलपुर शाखा ने मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी है। ऐसे ही एमपी नर्सिंग एसोसिएशन और सिंधी समाज ने भी सीएमएचओ को पत्र भेजकर आपत्ति दर्ज कराई है।
बता दें कि निजी अस्पताल प्रबंधन को कोरोना संक्रमितों का अपने अस्पताल के अलावा होटल में इलाज करने के लिए कोविड-19 गाइड लाइन का पालन करना अनिवार्य है। ऐसे मरीजों को होटल में रखा जा सकता है, जिनमें कोविड-19 के लक्षण नहीं हैं। उनको सिर्फ क्वारंटीन या आइसोलेशन में रखा जाएगा, लेकिन इलाज अधिकृत चिकित्सक ही करेगा।
आइएमए के सेकेट्री जनरल डॉ. अमरेंद्र पांडेय ने होटलों में सामान्य टेक्नीशियन की मदद से इलाज करने की जानकारी दी है। यह भी कहा है कि इसकी जानकारी जिला प्रशासन के कुछ अधिकारियों को है। लेकिन अब तक किसी भी होटल में इसकी जांच अभी तक नहीं की गई कि वहां पर विशेषज्ञ डॉक्टरों से इलाज हो रहा है कि नहीं, कोरोना के इलाज के लिए हर तरह के संसाधन व उपकरण आदि मौजूद है या नहीं।
विजय नगर में एक निजी प्रेक्टिसनर डॉक्टर के कहने पर दो होटलों में मरीजों को रखा जा रहा है। शहर के बीच कई होटलों का सहारा भी निजी अस्पताल प्रबंधनों ने लिया है। बिस्तर संख्या कम होने का हवाला देकर यह काम किया जा रहा है। वहीं नियम कहता है कि यदि कोई अस्पताल या डॉक्टर इस तरह के मरीज होटल में रखना चाहता है तो उसे जिला प्रशासन या एसडीएम को लिखित आवेदन देना होगा। उसके बाद होटल में क्वारंटाइन या आइसोलेशन के अलावा इलाज करने से अनुमति दी जा सकती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो