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Honey Trap Case: संदिग्ध सैन्य अफसर की फ्रेंडलिस्ट में मिले ये नाम

जांच में जल्द हो सकता है नया खुलासा

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Honey Trap Case

Honey Trap Case

जबलपुर. ५०६ आर्मी बेस वर्कशॉप में लेफ्टिनेंट कर्नल के हनी टै्रप मामले में जांच-पड़ताल जारी है। इस मामले में लखनऊ स्थित सेंट्रल कमांड में चल रही जांच के संबंध में सेना एक बार फिर अपना बयान जारी कर सकती है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले पर अब जल्द ही पूरा खुलासा भी किया जा सकता है। लेफ्टिनेंट कर्नल के मामले में एक और अहम सूचना मिली है। उधर, दिल्ली और लखनऊ दोनों जगहों की टीमें डाटा खंगालने में लगी हुई हैं।


फ्रेंडलिस्ट में था नाम
जांच में लेफ्टिनेंट कर्नल का हनी ट्रेप मामले में पकड़े गए वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह से लिंक के सुराग मिले हैं। बताया जा रहा है कि वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह के हनीटै्रप होने के बाद उनके सोशल मीडिया वॉल से जुड़े सैन्य अफसरों की पड़ताल की जा रही है। उनकी फे्रंडलिस्ट में यहां के लेफ्टिनेंट कर्नल का भी नाम रहा है।


कर रहे हैं काम
गौरतलब है कि ५०६ आर्मी बेस वर्कशॉप के इस सैन्य अफसर के खिलाफ गोपनीय सूचनाएं लीक किए जाने की जांच की जा रही है। वर्कशॉप में अफसर के ऑफिस से जुड़े सभी आईटी डिवाइसेस को मिलिट्री इंटेलीजेंस (एमआई) ने जब्त कर जांच के लिए फॉरेंसिंक लैब भेजा था। इसके पहले जांच टीम ने यह माना था कि गोपनीय सूचनाएं लीक हुई हैं, लेकिन किस तरह से हुईं, इसकी जांच करने का हवाला देते हुए लेफ्टिनेंट कर्नल को ऑफिस में कार्य करने की इजाजत दे दी थी।


इसलिए भी जांच
वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह के हनीटै्रप होने के बाद उनके सोशल मीडिया वॉल से जुड़े सैन्य अफसरों की पड़ताल की जा रही है। उनकी फे्रंडलिस्ट में यहां के लेफ्टिनेंट कर्नल का भी नाम रहा है। ५०६ आर्मी बेस वर्कशॉप की सूचनाएं लीक होने को इसलिए भी गंभीर माना जा रहा है,क्योंकि यहां पर स्वदेशी बोफोर्स धनुष को विकसित किए जाने का काम किया गया है। इसके अलावा यहां कई तरह से संवेदनशील सैन्य हथियारों की मरम्मत भी की जाती है।
गोपनीय सूचना लीक मामला