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टॉयलेट के पानी से बन रहा खाना,स्टिंग में हुआ खुलासा- देखें वीडियो

पेंट्रीकार में टॉयलेट के पानी की सप्लाई , रेलवे प्रबंधन की बड़ी अनदेखी  

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Irctc food made by toilet water, video see must

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गौरव दुबे@जबलपुर

यदि आप ट्रेन में सफर के दौरान पेट्रीकार का खाना खाने के शौकीन हैं तो जरा सावधान हो जाएं। हो सकता है कि उक्त खाद्यान टॉलयेट के पानी से निर्मित किया गया हो। यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि पत्रिका एक्सपोज के स्टिंग में जो तथ्य सामने आए हैं वे इस ओर आशंका पैदा कर रहे हैं। दरअसल मंगलवार को एक्सपोज टीम ने मुख्य रेलवे स्टेशन से होकर गुजरने वाली लंबी दूरी की ट्रेन में गुपचुप ढंग की जाने वाले टॉयलेट के पानी की सप्लाई का स्टिंग किया। जिसने रेलवे प्रबंधन की लापरवाही को उजागर कर दिया है।

एक्सपोज रिपोर्टर,जबलपुर

पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेल मंडल से होकर गुजरने वाली ट्रेनों के पेट्रीकार में टॉयलेट के पानी क्ी सप्लाई की जा रही है। पानी की सप्लाई ने पेट्रीकार में बनने वाले खाने की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर दिया हैं। पेट्रीकार में खाना टॉयलेट के पानी से बनाया जा रहा है? पानी की सप्लाई आखिर किस कार्य के लिए की जाती है? यदि एेसा हो रहा है तो इसे अब तक रोका क्यों नहीं गया? ये कुछ एेसे सवाल है जिनका जवाब रेलवे प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं।

खिडक़ी से पाइप लगाकर सप्लाई
लम्बे रूट पर चलने वाली ट्रेनों में पेंट्रीकार की व्यवस्था रहती है। पेट्रीकार में टॉयलेट के पानी की सप्लाई खिडक़ी के रास्ते की जाती है। खिडक़ी से पाइप डालकर पेंट्रीकार के अंदर रॉ वॉटर का स्टॉक किया जाता है। यह पानी रेलवे ट्रेक के निकारे बिछी पानी की पाइप लाइन से सप्लाई किया जाता है। जबकि, रॉ वॉटर का ट्रेन के टॉयलेट में ही सप्लाई किए जाने की व्यवस्था है। टॉयलेट के लिए टैंक टॉयलेट के नीचे बना रहता है।

एक्सपर्ट व्यू

डॉ हेमेन्द्र अग्रवाल का कहना है कि स्वच्छ पानी से ही खाना बनाया जाना चाहिए। रॉ वॉटर से बनने वाले खाद्यान का सेवन घातक साबित हो सकता है। इससे पेट की समस्या, डिहाईड्रेशन, टाइफाइड जैसे आदि विकार किसी को भी हो सकते है। कई बार एेसे मरीज आ चुके हैं जिन्हें ट्रेन में खाना खाने के बाद इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा था।

नहीं की जाती जांच
जानकारों का कहना है कि पेंट्रीकार में बनने वाले खाने की जांच में खानापूर्ति की जाती है। जबलपुर मंडल से होकर गुजरने वाली ट्रेनों के पेंट्रीकार का जिम्मेदार निरीक्षण नहीं करते। जिस वजह से मनमानी पर अंकुश नहीं लग रहा है। पेंट्रीकार के एक कर्मी ने नाम छिपाते हुए बताया कि स्टॉपेज के दौरान रेलवे का एक भी अफसर पेंट्रीकार की जांच करने नहीं आता है।

स्टिंग में सामने आया

शाम 04.15 बजे । मुख्य रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म नंबर 1 पर राजेन्द्र नगर एलटीटी (जनता एक्सप्रेस) आकर रुकी। प्लेटफार्म पर पेट्रीकार के सामने एक्सपोज रिपोर्टर मौजूद था। ट्रेक के पास की गतिविधियां नजर न आए ,जिसके चलते पेंट्रीकार के कर्मी ने एक तरफ का दरवाजा बंद कर दिया। हालांकि , जब एक्सपोज रिपोर्टर अन्य रास्ते से दूसरे तरफ पहुंचा तो रेलवे का एक कर्मी टॉयलेट के पानी की सप्लाई करते मिला।

रेलवे कर्मी से बातचीत के अंश
ये कौन सी बोगी है जिसमे पानी की सप्लाई की जा रही है?

पेंट्रीकार है जिसमे खाना बनता है।

यह पानी टॉयलेट में भी सप्लाई होता है?

हां, टॉयलेट के इस्तेमाल का पानी रहता है।

(इस दौरान दूसरा कर्मचारी वहां पहुंच गया,उक्त कर्मचारी से रिपोर्टर ने बातचीत आगे बढ़ाई)

पानी का पाइप किस टेंक में लगा है?

हम तो टॉयलेट के लिए पानी भर रहे हैं।

वहां खिडक़ी से भी पानी सप्लाई क्यो हो रहा है?

पेंट्री कार वाले मांगते हैं इसलिए दे देते हैं।

तो क्या उससे भी खाना बनता है?

पेंट्रीकार के अन्दर रॉ वॉटर का इस्तेमाल किस चीज में होता है इस बारे में कुछ भी नहीं कह सकते। खाना बनाए या कुछ करें , इससे लेना-देना नहीं रहता। पेंट्री कार के कर्मी मांगते है इसलिए सप्लाई कर देते हैं।


यह कहते हैं जिम्मेदार

ड्रिंकिंग वॉटर से ही खाना बनाया जाता है। रहा सवाल रॉ वॉटर की सप्लाई का तो इस बारे में कुछ भी नहीं कह सकता। यह मामला सीनियर डीसीएम के कार्यक्षेत्र का है। आप उनसे पूछ सकते हैं।

मनोज सिंह, डीआरएम

ट्रेन के टॉयलेट में जो पानी सप्लाई होता है वह इतना भी खराब नहीं रहता कि उसे पीने से कोई नुकसान पहुंचे। हालांकि, रसोई के लिए अलग से पानी की सप्लाई की जाती है। हो सकता है बर्तन धोने के लिए पानी लिया गया हो। फिर भी इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा।
अनन्त कुमार, सीनियर डीसीएम