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IT Lab: जिले के स्कूलों में छात्रों को सूचना प्रौद्योगिकी से जोडऩे के मामले में शिक्षा विभाग सफल नहीं हो सका है। इस योजना का उद्देश्य हर छात्र को कप्यूटर का ज्ञान देना और तकनीकी रूप से दक्ष बनाना है। इससे वे डिजिटल युग में कदम रख सकेंगे और भविष्य में तकनीकी क्षेत्र में करियर बना सकेंगे। इसके लिए जिले के 196 स्कूलों में इंफारमेशन टैक्नोलॉजी की लैब तैयार की जानी थी। लेकिन, इनमें से 73 फीसदी स्कूलों में लैब का निर्माण विभाग नहीं करा सका है। इससे करीब 70 हजार बच्चे आइटी तकनीकी लाभ से वंचित रह गए हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में आइटी के बढ़ते उपयोग और आवश्यकताओं को देखते हुए इस योजना पर काम शुरू किया गया था। कोरोना संकट काल के बाद बदली परिस्थतियों में जिले के 196 स्कूलों में इस योजना को लागू किया गया। इसके लिए 30 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जानी है। इस योजना को लेकर विभाग तीन साल में कुल 52 स्कूलों में ही पहुंच बना सका, 144 स्कूलों में इसे लेकर कोई काम नहीं हो सका है।
तेवर, आमाहिनौता, सहजपुर, जमगांव कुंडम, धनगंवा सिहोरा, पोला मझौली, कटरा बेलेखेड़ा, पाटन आदि के हायर सेकेंडरी स्कूलों में आइटी लैब नहीं बन सकी है। वहीं करोंदीग्राम, टेमरभीटा, कन्या एमएलबी, मेडिकल, कन्या बरेला आदि के हायर सेंकेंडरी स्कूलों में लैब का निर्माण किया जा चुका है।
हर स्कूल की आइटी लैब में 10 आधुनिक कप्यूटर सिस्टम, फर्नीचर, प्रिंटर, इंटरनेट कनेक्टीविटी, इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी हैं।
जानकारों का कहना है कि कमजोर प्रशासनिक व्यवस्था ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। वहीं योजना के लिए कई स्कूलों में जगह की कमी है तो कई स्कूलों के प्राचार्यों ने इसमें रुचि नहीं ली। इसके चलते योजना में देरी हो रही है।
IT Lab: छात्रों को सूचना प्रौद्योगिकी से जोडऩे के लिए आइटी लैब का निर्माण कराया जाना है। कई स्कूलों में व्यवहारिक समस्याएं आने के कारण काम नहीं हो पा रहा है। स्कूलों से प्रस्ताव मांगे गए हैं, जिस पर काम किया जाएगा।
Updated on:
11 Jan 2025 05:23 pm
Published on:
11 Jan 2025 03:22 pm
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