
jabalpur Jn IRCTC Indian Railway Time Table and Train Running Status
घने कोहरे में हादसे टालने लोको पायलट 5 से 10 किलोमीटर की स्पीड में चलायें ट्रेनें
जबलपुर। रेलवे के एक जोन में इन दिनों कुछ ट्रेन पैदल चाल से चल रही है। रेलवे ने दुर्घटनाओं को टालने के लिए लोको पायलटों को पैदल चाल से ट्रेन चलाने का निर्देश दिया है। इसके चलते लोको पायलेट ट्रेन को महज 5 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चला रहे है। ऐसा पश्चिम मध्य रेल के अंतर्गत हो रहा है। पमरे ने यह निर्देश घने कोहरे और दृश्यता संबंधी समस्या के कारण किया है। यात्री सुरक्षा के लिए जारी निर्देश में कहा गया है कि अगर कोहरे एवं धुंध के कारण सामने कुछ नहीं दिख रहा है, तो ट्रेनों को महज 5 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा की चाल से चलाया जाएं।
ये स्पीड निर्धारित
पमरे ने निर्देश दिया है कि अगर 10 से 20 फुट तक विजिबिल्टी है, तो ट्रेनों की स्पीड़ 40 किलोमीटर से 60 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से चलाएं। यदि 50 फुट तक साफ दिख रहा है, तो फिर लोको पायलट ट्रेन को 80 से 100 किलोमीटर की स्पीड से चला सकता है।
पटाखा फूटे तो हो जाए अलर्ट
लोको पायलटों से कहा गया है कि वे अपने विवेक से स्पीड का निर्धारण कर सकते हैं, लेकिन उसमें यात्रियों की सुरक्षा का सबसे पहले ध्यान रखा जाये। कोहरे के दौरान रेल पांत पर पटाखें लगाने का ध्यान रखें । यह पटाखें सिग्नल के आने के 100 मीटर पहले लगाए जायें ताकि स्टेशन के आने का पता चल सके।
यहां बरतें खास सतर्कता
लोको पायलटों से कहा गया है कि वे सबसे ज्यादा सतर्कता नदी के किनारे एवं पुल के पास रखें । यहां पर कोहरे का असर अधिक होता है और यहां पर स्पीड कम रखी जाये। इससे हादसे को टाला जा सकता है । यदि धुंध के कारण सिग्नल लोको पायलटों को नजर नहीं आ रहा है, तो वे ट्रेन से उतर कर सिग्नल देखें तभी ट्रेन को आगे बढ़ाएं।
ऐसा है आदेश
कोहरा घना हो तो स्पीड - 5 किमी.
20 फुट तक विजिबिल्टी - 40 किमी.
सिग्नल न दिखने पर स्पीड - 3 से 5 किमी.
पटाखें लगाने की दूरी - 100 मीटर
पुलों के पास स्पीड - 10 किमी.
Published on:
29 Dec 2017 01:15 pm
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