एसईसीआर की योजना
दक्षिण पूर्व मध्य रेल के बालाघाट-समनापुर सेक्शन के इस नए-नवेले ट्रैक पर ट्रायल टे्रन दौड़ाने के लिए ५ जनवरी, 2018 को ईस्टर्न सर्किल कोलकाता के कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) प्रमोद कुमार आचार्य आ रहे हैं। वे सेक्शन का निरीक्षण कर यात्री टे्रनों के संचालन की अनुमति देंगे। निरीक्षण के लिए सीआरएस को बुलाए जाने के बाद यह माना जा रहा है कि नए साल के पहले महीने में ही समनापुर तक यात्री टे्रनों का संचालन प्रारंभ कर दिया जाएगा।
1650 करोड़ पहुंच गई लागत
जबलपुर-गोंदिया ब्रॉडगेज परियोजना का काम 21 साल से चल रहा है। सन् १९९६ में इसे मंजूरी प्रदान की गई थी। उस समय इस परियोजना की लागत 550 करोड़ के लगभग आंकी गई थी, लेकिन काम में हुए विलंब के चलते इसकी लागत अब बढ़कर लगभग 1650 करोड़ पहुंच गई है। ब्रॉडगेज परियोजना के जबलपुर छोर से सुकरी मंगेला तक 18 अक्टूबर 2017 से यात्री टे्रनों का संचालन प्रारंभ हुआ था, इसके बाद टे्रनों को घंसौर फिर नैनपुर तक बढ़ाया जा चुका है। गोंदिया-बालाघाट के बीच वर्ष 2008 में ही रेल यातायात प्रारंभ हो चुका है।
नेशनल पार्क के कारण अटका था काम
दपूमरे के बालाघाट-नैनपुर सेक्शन में ही पेंच-कान्हा कॉरीडोर पड़ता है, जिससे टाइगर सहित अन्य वन्य प्राणी पेंच से कान्हा और कान्हा से पेंच नेशनल पार्क तक आते-जाते हैं। इस कारीडोर के कारण ही केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में दस साल से ज्यादा समय तक ट्रैक बिछाने की अनुमति का मामला अटका रहा। हालांकि एनओसी मिलने के बाद बिलासपुर जोन ने कामकाज की रफ्तार बढ़ा दी है।
60 किमी का काम बाकी
रेलवे द्वारा जबलपुर-नैनपुर-बालाघाट-गोंदिया और बालाघाट-वारासिवनी-कटंगी नैरोगेज ट्रैक को ब्रॉडगेज में परिवर्तित किया जा रहा है। इस परियोजना के जबलपुर-नैनपुर, गोंदिया-बालाघाट-कटंगी ट्रैक का काम पूरा हो गया है। इस ट्रैक पर ट्रेन का संचालन भी शुरू हो चुका है। अब बालाघाट-समनापुर के बीच ट्रैक का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद समनापुर-नैनपुर के बीच महज 60 किमी हिस्से के अमान परिवर्तन का कार्य बचा है। इसके लिए दिसंबर, 2018 की डेडलाइन तय की गई है। समय पर काम पूरा होने से अगले साल के अंत तक जबलपुर-नैनपुर-गोंदिया के बीच ब्रॉडगेज पर ट्रेनें फर्राटा भरने लगेगी।