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गोपालपुर मंदिर में मैया लक्ष्मी के साथ भगवान नारायण के पूजन से पूरी होती है मनोकामना

18वीं सदी के प्राचीन मंदिर में नर्मदा जल से किया जाता है अभिषेक

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गोपालपुर मंदिर में मैया लक्ष्मी के साथ भगवान नारायण के पूजन से पूरी होती है मनोकामना

गोपालपुर मंदिर में मैया लक्ष्मी के साथ भगवान नारायण के पूजन से पूरी होती है मनोकामना

जबलपुर। मैया लक्ष्मी और श्रीहरि विष्णु प्राचीन मंदिर के गर्भगृह में एक साथ विराजे हैं। मान्यता है कि लम्हेटाघाट के समीप गोपालपुर स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में दोनों के एक साथ विधि-विधान से पूजन पर मनोकामना अवश्य पूरी होती है। सुबह के पूजन में नर्मदा तट से जल भरकर मंदिर में अभिषेक किया जाता है। 1200 साल से ज्यादा प्राचीन इस मंदिर में धनतेरस और दीपावली पर श्रद्धालु सुख-समृद्धि, आरोग्य की कामना से इस मंदिर में श्री सूक्त, पुरु सूक्त, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ कर महालक्ष्मी के निमित्त गाय के गोबर से बने कंडे से हवन व रतजगा करते हैं। मनोकामना पूर्ति के लिए श्रद्धालु मंदिर में नारियल अर्पित करते हैं। मैया लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए धनतेरस पर मंदिर में ध्वज अर्पित किया जाता है।
विराजी है श्री विष्णु पंचायत
देवी मंदिर के पुजारी प्रेम प्यासी गुड्डू महाराज के अनुसार मंदिर में श्री विष्णु पंचायत स्थित हैं। मंदिर में सामने सिद्धीविनायक, सूर्य भगवान, महिसासुर मर्दिनी, मैया नर्मदा, शिव पार्वती की प्रतिमा स्थापित हैं। इन सभी प्रतिमाओं के बीच में लक्ष्मी नारायण की लगभग तीन फीट की प्रतिमा स्थित है। मंदिर में बाहर की ओर द्वादश शिवलिंग हैं। सरस्वती मैया, पवनसुत हनुमान, अन्नपूर्णा मैया, सिद्ध बाबा व शनि देव की प्रतिमा स्थित हैं।
दो मंजिल का है मुख्य मंदिर-
मुख्य मंदिर दो मंजिल का है, चारों ओर चार छोटे मंदिर स्थित हैं। इस प्रकार कुल पांच मंदिर होने से इसे पचमठा मंदिर कहा जाता है। पुरातत्वविद् व इतिहासकारों के अनुसार मंदिर का निर्माण अठारवीं ईसवीं के लगभग हुआ था।