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महिला जज के सामने वकील को जड़ा तमाचा, कॉलर पकड़कर ले गया कोर्ट से बाहर

हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को शिकायत, 19 मार्च को होगा अवमानना का आरोप तय

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Lawyers beat up each other in front of the lady judge in the court

Lawyers beat up each other in front of the lady judge in the court

जबलपुर। प्रदेश की एक कोर्ट में बेहद हैरान करने वाली घटना हुई। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकील आमने-सामने आए और जिरह के बीच गरमा-गर्मी इतनी बढ़ गई कि एक पक्ष वकील ने दूसरे पक्ष के वकील को तमाचा जड़ दिया। विवाद यही नहीं थमा बल्कि आरोपित ने एक पक्ष के वकील को कॉलर पकड़कर घसीटते हुए कोर्ट से बाहर भी ले गया। ये सारा घटनाक्रम एक महिला जज की कोर्ट में सुनवाई के दौरान हुआ। महिला जज वकील को व्यवहार पर संयम बरतने की नसीहत देती रही। लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ। अवमानना का आरोपित वकील संतोष बैरागी गुरुवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में हाजिर हुई। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एसके सेठ की डिवीजन बेंच ने निर्देश दिए हैं कि आगामी सुनवाई में उस पर कोर्ट की अवमानना के आरोप तय किए जाएंगे।

इस न्यायालय में विवाद
रतलाम के कुटुम्ब न्यायालय की पीठ के समक्ष एक मामले का विचारण चल रहा था। आवेदिका का प्रतिपरीक्षण होना था। इसी बीच भरे कोर्ट में दूसरे पक्ष के वकील अमित पंचाल व उसके जूनियर संतोष बैरागी का आवेदिका के वकील दीपक तिवारी से विवाद हो गया। इस मामले में संतोष बैरागी पर आरोप है कि रतलाम कुटुम्ब न्यायालय में सुनवाई के दौरान उसने दूसरे पक्ष के वकील को जज के सामने न केवल थप्पड़ जड़ दिया, बल्कि उसे कॉलर पकड़कर घसीटते हुए बाहर भी ले गया।

प्रधान न्यायाधीश ने लिखा पत्र
वकील के अभद्र व्यवहार को लेकर रतलाम जिला कुटुम्ब न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश लक्ष्मी शर्मा ने सितम्बर २०१७ में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर शिकायत की थी। इसे कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर आपराधिक अवमानना प्रकरण के रूप में दर्ज किया है। शिकायत में कहा गया है कि २४ अगस्त २०१७ को कुटुम्ब न्यायालय रतलाम की पीठ के समक्ष एक मामले का विचारण चल रहा था। अदालत में सुनवाई के बीच एक पक्ष के वकील ने विवाद करते हुए अमर्यादित व्यवहार किया।

जज ने मना किया
पीठासीन अधिकारी ने दोनों पक्षों को अदालत में इस तरह की अभद्रता करने से मना किया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। विवाद बढऩे पर संतोष बैरागी ने अधिवक्ता दीपक तिवारी को जज के सामने ही थप्पड़ जड़ दिया। वह उसे कॉलर से पकड़कर घसीटते हुए कोर्ट से बाहर ले गया। इसे अदालत की अवमानना मानते हुए प्रधान न्यायाधीश ने हाईकोर्ट ने आरोपी पर कार्रवाई करने की प्रार्थना की थी।

सितम्बर में नोटिस हुए थे जारी
11 सितम्बर 2017 को हाईकोर्ट ने आरोपी वकील को नोटिस जारी किए थे। इसके बाद लगातार तीन सुनवाई में वह किसी न किसी कारण से हाजिर नहीं हुआ। गुरुवार को वह अपने अधिवक्ता अमित पंचाल के साथ कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुआ। उसने कोर्ट को बताया कि सुनवाई के दौरान आवेदिका पीठासीन अधिकारी पर अनावश्यक उसकी बात मानने के लिए दबाव बना रही थी। इसके विरोध पर उसके वकील ने बदतमीजी की। अधिवक्ता दीपक तिवारी ने उसे दीवार में भिड़ा दिया और थप्पड़ मारे। इसकी शिकायत उसने एसपी से भी की थी। जवाब को रिकॉर्ड पर लेकर कोर्ट ने अगली सुनवाई १९ मार्च नियत की। उस दिन उसे हाजिर रहने को कहा गया है।