विशेषज्ञों के अनुसार पहाड़ी में संग्राम सागर, देवताल, ठाकुरताल जल इकाई हैं। ऐसे में बीच शहर में एक अच्छा रमणीय स्थल विकसित किया जा सकता है। फिलहाल पहाड़ी की खाली हुई जमीन संवारने दूसरे चरण का काम शुरू हो गया है। सूपाताल मंदिर के सामने व बैलेंसिंग रॉक के सामने फें सिंग करने के बाद आवाजाही के लिए गेट लगा लिया गया है। पौधरोपण के लिए जमीन तैयार की जा रही है। पौधों की सिंचाई के लिए अगर पाइप लाइन बिछ जाती है तो मार्च में ही पौधरोपण किया जाएगा। सिंचाई का साधन उपलब्ध नहीं होने पर दूसरे चरण का पौधरोपण जुलाई में किया जाएगा।
लौटाया जाएगा प्राकृतिक स्वरूप
पहाड़ी को चार दशक पुराना प्राकृतिक स्वरूप देने के लिए खाली हुई जमीन पर आंवला, नीम, बबूल, बीजा, साजा, पीपल, बरगद के पौधे लगाए जाएंगे। अतिक्रमण और अवैध निर्माण होने से पहले भी पहाड़ी में इन्हीं प्रजातियों के पेड़-पौधे हुआ करते थे।
जैव विविधता रखी जाएगी बरकरार
हाईकोर्ट ने प्रशासन को आदेशित किया था मदनमहल पहाड़ी जैवविविधता को बरकरार रखते हुए विकास करना है। इसी के तहत पहाड़ी को खाली कराने व विकास कार्यों को आदेश जारी किया। जिला प्रशासन ने पहाड़ी की खाली हुई जमीन में विकास कार्य के लिए स्मार्ट सिटी को जिम्मेदारी सौंपी। स्मार्ट सिटी ने पौधरोपण के लिए एसएफआरआई को कनसल्टेंट बनाया है। पहले चरण में पौधरोपण सफल रहा। 25 एकड़ में लोगों की सहभागिता से पौधे लगाए हैं।
ये हुए थे पहले चरण में काम
(देवताल से लेकर चौहानी के बीच)
– 25 एकड़ में हुआ पौधरोपण
– 25 हजार पौधे लगाए गए
– वॉक वे का विकास
– जमीन की फें सिंग
– पोखर विकसित किया
– सुरक्षित किए गए कु एं
– जल संवर्धन इकाई विकसित की
मदनमहल ईको जोन विकसित किया जाना है। इसके तहत सबसे पहले पहाड़ी की खाली हुई जमीन पर 25 एकड़ में लोगों की सहभागिता से पौधरोपण कराया गया था जो सफल रहा है। दूसरे चरण में 15 एकड़ में पौधरोपण किया जाना है, इसके लिए जमीन तैयार की जा रही है। मदनमहल ईको जोन की डीपीआर बननी है।
– रवि राव, प्रशासनिक अधिकारी, स्मार्ट सिटी
पहाड़ी पर दूसरे चरण में सूपाताल मंदिर के सामने की ओर व बैलेंसिंग रॉक के सामने की ओर पौधरोपण किया जाना है। पौधरोपण से पहले जमीन को वैज्ञानिक तरीके से तैयार करना आवश्यक होता है। जिससे पौधरोपण सफल रहे, यही कार्य किया जा रहा है।
– केएल कावरे, कंसल्टेंट, स्मार्ट सिटी