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मालवा को सीएम, विंध्य को डिप्टी, ग्वालियर को विधानसभा अध्यक्ष, अब महाकोशल मंत्रिमंडल में मांग रहा महत्व

मप्र की नई सरकार बनने की कवायद के बीच जबलपुर से उठ रही आवाज  

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जबलपुर। विधानसभा चुनावों में इस प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर लोगों ने महाकोशल को मौका मिलने की उम्मीद लगाई थी। लेकिन मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष पद भी जबलपुर के खाते में नहीं गया। इसके बाद अब जनता की उम्मीदें महाकोशल को मंत्रिमंडल में ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व दिए जाने की है। जबलपुर सहित महाकोशल अंचल के कई ऐसे नेता हैं, जिनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। चर्चा है कि पिछले मंत्रिमंडल में जबलपुर की उपेक्षा हुई थी। लेकिन, इस बार अब यहां ज्यादा उम्मीदें हैं।

नरसिंहपुर से इनकी दावेदारी मजबूत

नरसिंहपुर से केन्द्रीय मंत्री रहे व नरसिंहपुर विधायक प्रहलाद सिंह पटेल को महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलने की उम्मीद है। प्रहलाद पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं। सांसद के साथ ही अटल बिहारी बाजपेयी सरकार व नरेन्द्र मोदी सरकार में मंत्री रह चुके है। ये मुख्यमंत्री पद की दावेदारी में भी थे। राव उदय प्रताप सिंह जो कि गाडरावारा विधायक हैं उनका भी नाम मंत्री पद की दौड़ में हैं। राव भाजपा से दो बार सांसद रहे हैं। वे पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं।

जबलपुर से इनकी दावेदारी मजबूत

जबलपुर से चार विधायकों की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। इनमें अशोक रोहाणी, अजय विश्नोई, राकेश सिंह और सुशील तिवारी के नाम प्रमुख हैं। अशोक रोहाणी लगातार तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। अजय विश्नोई पार्टी में बड़ा नाम है। वे पांचवी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। 2013 के पहले वे शिवराज सरकार में मंत्री भी रहे हैं। सांसद राकेश सिंह पहली बार विधायक बने हैं लेकिन वे चार बार सांसद निर्वाचित हुए हैं और लोकसभा में चीफ विहिप के साथ ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी रहें हैं। इनके अलावा सुशील तिवारी इंदू भी पनागर से तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं।

इनके भी नाम चर्चा में

कटनी विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक का नाम भी मंत्रीपद के दावेदारों में हैं। पाठक शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा मंडला जिले से संपतिया उईके, डिंडौरी से ओमप्रकाश धुर्वे व सिवनी से कमल मर्सकोले के नाम भी शामिल हैं। ओमप्रकाश धुर्वे पूर्व में मंत्री रह चुके हैं।