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master plan of Jabalpur : मानसून सीजन में शहर में होने वाले जलजमाव, बाढ़ नियंत्रण और आपदा प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने नगर निगम को 222 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। मास्टर प्लान बनाकर प्रोजेक्ट पर 18 महीने में इन्फ्रास्टक्चर को अपग्रेड किया जाएगा। इससे शहरवासियों को हमेशा के लिए जलभराव से निजात मिलेगी। कठौंदा और ललपुर के एसटीपी प्लांट को सोलर एनर्जी से संचालित करने के लिए आठ करोड़ रुपए से सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन के लिए 90 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार और 10 प्रतिशत का योगदान राज्य सरकार का होगा।
महापौर ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के चौथे चरण में 11 शहरों में जबलपुर को भी शामिल किया गया है। बारिश के पानी की निकासी के लिए शहर में 50 वर्ष के बारिश के डाटा का विश्लेषण किया जाएगा। वर्षा जल निकासी के लिए सर्वे, कंटूरिंग, थ्री डी एलीवेशन मॉडल पर काम होगा। प्राकृतिक आधारित समाधान के लिए जलभराव वाले क्षेत्रों के तालाबों का जीर्णोद्धार कर बाउंड्रीवॉल बनाई जाएगी। सुलूश गेट लगाकर जलभराव क्षमता बढ़ाई जाएगी। जलभराव से ग्रसित छोटे-बड़े नालों, उनमें जुड़ने वाली नालियों, पुलियों का निर्माण होगा। शहर के लो-लाइन एरिया में कृत्रिम तालाब और मोबाइल पंपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।
महापौर ने बताया कि कठौंदा और ललपुर में एसटीपी प्लांट को सोलर एनर्जी से चलाने के लिए 8 करोड़ रुपए से सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। इसके लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। ‘जल ही अमृत’ सर्वेक्षण वर्ष 2025 प्रतिस्पर्धा में शहर में संचालित 34 एमएलडी, ललपुर एवं 32 एमएलडी कठोंदा एसटीपी (मल-जल शोधन संयंत्र) को ‘स्वच्छ जल क्रेडिट’ आधार पर 5 स्टार रेटिंग प्राप्त हुई है। इसके आधार पर एसटीपी की संचालन व्यवस्था को और दुरुस्त करने के लिए शहर को 8 करोड़ रुपए प्रोत्साहन के रूप में स्वीकृत किए गए हैं।
महापौर अन्नू ने बताया कि नगर निगम को 20 लाख रुपए प्रदान किए गए हैं। इस राशि से स्टेडियम मार्केट को आकर्षक स्वरूप दिया जाएगा। स्टेडियम मार्केट में एकरूपता लाने और हिन्दी भाषा में नामकरण के लिए वर्क ऑर्डर जारी किया गया है।
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से मिली राशि से सरकारी कार्यालयों और भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट लगाई जाएगी। वर्षा जल के संग्रहण के लिए सडक़ों के किनारे रेन वाटर हार्वेस्टिंग और पारगम्य पेवर का कार्य होगा।
Updated on:
21 Aug 2025 12:33 pm
Published on:
21 Aug 2025 12:30 pm
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