17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एमपी में हिंदी में होगी मेडिकल परीक्षा, देश में सबसे पहले लागू हुई व्यवस्था

मेडिकल विवि के बोर्ड ऑफ स्टडीज का फैसला

2 min read
Google source verification
Medical exam in Hindi in MP, big decesion for medical students

Medical exam in Hindi in MP, big decesion for medical students

जबलपुर. मेडिकल एजुकेशन की परीक्षा में अब अंग्रेजी में ही लिखना जरूरी नहीं होगा, छात्र-छात्राएं अब अपने जवाब हिन्दी में भी लिख सकेंगे। एेसा करने वाला मप्र मेडिकल विश्वविद्यालय देश में पहला होगा। मौखिक एवं प्रायोगिक परीक्षाओं में अंग्रेजी में ठीक से उत्तर नहीं लिख पाने वाले विद्यार्थियों को हिंदी भाषा का बेहतर विकल्प मिलेगा। यह फैसला विवि के बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में शनिवार को लिया गया। मेडिकल यूनिवर्सिटी में पहले आयुर्वेद और होमियोपैथिक कोर्स की परीक्षाओं में हिन्दी में उत्तर लिखने की व्यवस्था शुरू की जा चुकी है पर अब एमबीबीएस, डेंटल, नर्सिंग, यूनानी, योग एवं नेचुरोपैथी में भी हिन्दी में उत्तर लिखने की सुविधा मिलेगी। मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति, डॉ. आरएस शर्मा के अनुसार यह निर्णय राष्ट्र भाषा को महत्व देने के लिए लिया गया है। वे बताते हैं कि मेडिकल यूनिवर्सिटी देश की पहली यूनिवर्सिटी है, जहां के छात्र-छात्राएं हिंदी में उत्तर दे सकेंगे।


हिंदी भाषा का बेहतर विकल्प
इससे हिंदी भाषी छात्र-छात्राओं को मेडिकल परीक्षा में सहुलियत होगी। अब अंग्रेजी के अलावा हिन्दी या मिश्रित भाषा में उत्तर लिखने वाले छात्र-छात्राओं को नम्बर दिए जाएंगे। मौखिक एवं प्रायोगिक परीक्षाओं में अंग्रेजी में ठीक से उत्तर नहीं लिख पाने वाले विद्यार्थियों को हिंदी भाषा का बेहतर विकल्प मिलेगा। मेडिकल यूनिवर्सिटी ने पहले आयुर्वेद और होमियोपैथिक कोर्स की परीक्षाओं में हिन्दी में उत्तर लिखने की व्यवस्था शुरू की थी। अब एमबीबीएस, डेंटल, नर्सिंग, यूनानी, योग एवं नेचुरोपैथी में भी हिन्दी में उत्तर लिखने की सुविधा मिलेगी।


भाषा ज्ञान की अपेक्षा विषय ज्ञान ज्यादा महत्वपूर्ण
बोर्ड ऑफ स्टडीज ने माना है कि छात्रा-छात्राओं में भाषा ज्ञान की अपेक्षा विषय ज्ञान ज्यादा महत्वपूर्ण है। हिन्दी क्षेत्र के छात्र-छात्राएं पर्याप्त ज्ञान के बावजूद अंग्रेजी में उत्तर की बेहतर प्रस्तुति नहीं कर पाते हैं। मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति, डॉ. आरएस शर्मा के अनुसार राष्ट्र भाषा को महत्व देते हुए यह निर्णय लिया गया है। मेडिकल यूनिवर्सिटी देश की पहली यूनिवर्सिटी है, जहां के छात्र-छात्राएं हिंदी में उत्तर दे सकेंगे।