अजय विश्नोई ने इससे पूर्व में भी अपनी नाराजगी जताई थी। विश्नोई के ट्वीट के बाद जहां विपक्ष को एक मुद्दा मिल गया। वहीं सोशल मीडिया में भी राजनीति के अलावा गैर राजनीतिक लोग, सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोग, आम नागरिक भी उपेक्षा पर सवाल उठा रहे हैं। वे विश्नोई के ट्वीट को आधार बनाकर जवाब मांग रहे हैं। उधर विपक्ष भी अब सत्तापक्ष को घेरने में जुटा है। अजय विश्नोई ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में महाकोशल से किसी को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया।। इस पर उन्होंने अपनी बात रखी है। वहीं, कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने कहा कि मंत्रिमंडल में किसी कोकिसी को भी जगह नहीं दिए जाने का सीधा मतलब है की सरकार को महाकोशल की कोई चिंता नहीं है। पूर्व की कांग्रेस सरकार ने विकास के जो काम शुरू किए थे उन पर भी विराम लग गया है।