इसी में वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट का निर्माण, नगर के किसी व्यू प्वाइंट का सौंदर्यीकरण, पुराने स्ट्रक्चर का जीर्णोद्धार शामिल किया गया है। प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार इसे लेकर अभी निर्णय लिया जाना है कि किस स्थान पर वाटर हार्वेस्टिंग विकसित की जाएगी। प्राधिकरण स्वयं की सम्पत्ति के अलावा अन्य सरकारी परिसर में यूनिट तैयार कर सकता है।
15 -25 हजार का खर्च
तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार किसी भी परिसर में छोटी वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट स्थापित करने पर महज 10-15 हजार रुपए खर्च होते हैं। जबकि बड़ी वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट तैयार करने में 25 हजार रुपये तक का खर्च आता है। केवल एक बार के निवेश पर जीवनभर के लिए अपने परिसर में वर्षा जल सहेजकर भू जल संवर्धन किया जा सकता है।
नगर में ये हुए प्रयास
स्मार्ट सिटी के तहत राइट टाउन, गोल बाजार व नौदराब्रिज-घंटाघर क्षेत्र में बनी 11 किलोमीटर लंबी स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज को छिद्रित बनाया गया है। जिससे की ड्रेनेज के माध्यम से जमीन में पानी पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही चौहानी उद्यान परिसर, मानस भवन, निगम मुयालय में निगम ने वाटर हार्वेस्टिंग की यूनिट लगाई है। कलेक्ट्रेट परिसर, जिला मुयालय परिसर में भी वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट स्थापित हैं।
स्थानों का विकल्प
●24 सौ से ज्यादा सरकारी परिसर नगर में ●70 से ज्यादा बड़े कार्यालय, 16 निगम के जोन कार्यालय समेत ●2 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूल परिसर ●13 सरकारी कॉलेज परिसर ●5 यूनिवर्सिटी परिसर ●30 से ज्यादा बड़े सरकारी बंगले
●50 के लगभग सरकारी कर्मचारियों के रहवासी क्षेत्र ●25 के लगभग सरकारी रेस्ट हाउस
विजय नगर का उद्यान होगा विकसित
जेडीए विजय नगर स्थित दुर्गा मंदिर उद्यान को विकसित करेगा। उद्यान में पौधरोपण के साथ ही बच्चों के खेलकूद के उपकरण, झूले, एक्सरसाइज के उपकरण लगाए जाएंगे। वरिष्ठजनों के लिए योगा जोन भी तैयार किया जाएगा।
गैर योजना मद से किये जाएंगे काम
गैर योजना मद से वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट विकसित करने, उद्यान के निर्माण, सौंदर्यीकरण, किसी पुरानी संपत्ति के जीर्णोद्धार के काम किए जाएंगे। वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट के निर्माण के लिए स्थल का चयन किया जाना है।