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#MPHighCourt : कट-ऑफ अंक 45 प्रतिशत तय तो उसे क्यों नहीं किया लागू

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा जबलपुर.मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायाधीश विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने हाईस्कूल शिक्षक भर्ती से जुड़े मामले में राज्य शासन से पूछा है कि जब एनसीटीई ने नियुक्ति के लिए कट-ऑफ अंक 45 प्रतिशत तय किए हैं तो राज्य शासन ने उसे मप्र में लागू क्यों नहीं किया ।

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हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा

MP Highcourt

कोर्ट ने कहा कि प्रवेश स्तर पर स्नातकोत्तर की मार्कशीट में प्राप्त अंक प्रतिशत के आधार पर योग्यता निर्धारित करनी चाहिए, न कि श्रेणी के आधार पर। इस मामले में युगलपीठ ने राज्य शासन से जवाब तलब किया है। प्रकरण पर अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी।

भिंड निवासी अवनीश त्रिपाठी व रीवा निवासी अतुल कुमार निगम ने याचिका दायर कर बताया कि उन्हें स्नातकोत्तर में क्रमश: 47.5 और 47.8 प्रतशित अंक मिले हैं। संबंधित विश्वविद्यालय ने उन्हें तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण बताया। वहीं एक अन्य अभ्यर्थी को 46.5 प्रतिशत अंक मिले, लेकिन बरकतुल्ला विश्वविद्यालय ने उसे द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण बताया।

याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि राज्य सरकार ने उक्त भर्ती के लिए जो योग्यता निर्धारित की है, उसके तहत उम्मीदवार को स्नातकोत्तर में द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण होना जरूरी है। एनसीटीई ने भर्ती के लिए 45 फीसदी अंक की योग्यता निर्धारित की है।

याचिकाकर्ता को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दें
जबलपुर. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायाधीश विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने अंतरिम आदेश के तहत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता सागर निवासी शुभांषु त्रिपाठी को सहायक यंत्री पर्यावरण के पद पर होने वाली नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दें। युगलपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को वैलिड गेट स्कोर कार्ड के बिना ही आवेदन करने के योग्य माना जाए। कोर्ट ने इस मामले में आवास एवं पर्यावरण विभाग के सचिव, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन व विधि एवं विधायी विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।