
MP Highcourt
लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका में फर्जी तरीके से नर्सिंग कॉलेज संचालित होने का मामला उठाया गया है। याचिका में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में ऐसे 55 नर्सिंग कॉलेज को मान्यता दी गई, जो सिर्फ कागज में संचालित हो रहे हैं। अधिकांश कॉलेज की बिल्डिंग तक नहीं है। इसके अलावा एक ही व्यक्ति कई नर्सिंग कॉलेज के प्राचार्य हैं और फैकल्टी भी एक से अधिक स्थानों में कार्यरत बताए गए हैं। पहले हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मप्र नर्सिंग रजिस्टेशन कौसिंल के रजिस्ट्रार को तत्काल निलंबित कर प्रशासक नियुक्त करने के आदेश जारी किये थे। इसके बाद हुई सुनवाई में न्यायालय ने ग्वालियर व इंदौर खंडपीठ में लंबित नर्सिंग कॉलेज संबंधित याचिकाओं को मुख्यपीठ स्थानांतरित करने के आदेश जारी किये थे।
650 पैरा मेडिकल कॉलेज जांच के दायरे में
बुधवार को संयुक्त रूप से हुई सुनवाई में अनावेदक कॉलेज की ओर से बताया गया कि ग्वालियर खंडपीठ ने प्रदेश के 650 पैरा मेडिकल कॉलेजों में से 364 कॉलेजों की सीबीआई के आदेश जारी किये थे। सीबीआई जांच में जिन कॉलेजों को क्लीनचिट प्रदान की गयी है, उनके एग्जाम कराए जाने के अनुमति प्रदान की जाये। याचिकाकर्ता की ओर से तर्क किया गया कि फैकल्टी के संबंध में सीबीआई ने जांच नहीं की है।
Published on:
21 Sept 2023 11:45 pm
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