10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अपराधों में राजधानी से आगे संस्कारधानी, पुलिस बेपरवाह

दोनों जिला अदालत में लंबित आपराधिक मुकदमों में खासा अंतर

less than 1 minute read
Google source verification

image

praveen chaturvadi

Dec 29, 2016

crime in sanskardhani

crime in sanskardhani

जबलपुर। अपराधों के मामले में जबलपुर भोपाल से आगे है। जिला अदालत में बीते तीन साल में दायर होने वाले और लंबित आपराधिक मामलों की संख्या भोपाल जिला अदालत की तुलना में बहुत अधिक है। आंकड़े बता रहे हैं कि राजधानी में पुलिस व्यवस्था चुस्त है तो जबलपुर में सुस्त। जबलपुर में अपराध अधिक होने क ी यह एक बड़ी वजह माना जा रहा है।

इंदौर में सबसे ज्यादा

सबसे अधिक अपराधिक मामले इंदौर जिला न्यायालय में लंबित हैं। मध्य दिसंबर तक यहां 1 लाख एक हजार से अधिक अपराधिक मामले लंबित थे। ग्वालियर और भोपाल में यह संख्या लगभग बराबर है। जबकि 58800 लंबित अपराधिक मुकदमों के साथ जबलपुर इंदौर के बाद दूसरे क्रम पर है।

रीवा-सतना में अधिक

जिला अदालतों में लंबित आपराधिक मुकदमों की संख्या में रीवा ने सतना को पीछे कर रखा है। उज्जैन, सागर व मुरैना जिलों का स्थान इनके बाद आता है। रीवा में दिसंबर मध्य तक लंबित आपराधिक प्रकरणों की संख्या 33000 थी। सतना में 30200, सागर में 30000 व मुरैना में यह आंकड़ा 27500 है।

पिछडा़पन, अशिक्षा भी कारण

स्टेट बार काउंसिल के सदस्य राधेलाल गुप्ता का मानना है कि जबलपुर जिले के सीमावर्ती जिले आदिवासी बहुल हैं। यहां भोपाल की तुलना में अशिक्षा व पिछड़ापन अधिक है। वे अधिक अपराध होने की इसे एक मुख्य वजह मानते हैं। इसके अलावा पुलिस की सुस्ती को भी वे इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हैं।

इनका कहना है कि

जबलपुर में पुलिस लापरवाह है। साथ ही यहां विकास नहीं होना भी अधिक अपराध की मुख्य वजह है। इस स्थिति से निपटने के लिए जनजागरण और पुलिस की कर्मठता जरूरी है। जनप्रतिनिधियों को इसके लिए पहल करनी होगी।
एसडी गुप्ता, पूर्व उपाध्यक्ष, मप्र हाईकोर्ट बार एसोसिएशन

ये भी पढ़ें

image