जबलपुर. नर्मदा के शुद्धिकरण का आंदोलन चलाने वाले संत भैया जी समर्थ सरकार की मेडिकल जांच शुरू हो गई है। नर्मदा जल पर आश्रित रहने का दावा करने वाले संत पर शोध होगा कि ऐसे कैसे संभव है कि वे महज पानी पीकर चार साल से जिंदा है। शोध का उद्देश्य यह पता लगाने का है कि नर्मदा जल में ऐसे कौन से तत्व हैं, जिससे मानव शरीर की आहार सम्बंधी जरूरतें भी पूरी हो रही हैं।
इसके लिए सरकार ने कमेटी का गठन किया है। दो दिन पहले कलेक्टर दीपक सक्सेना ने संत से मुलाकात कर इसकी जानकारी दी थी और स्वास्थ्य संचालनालय के आदेश की प्रति भी उन्हें दी गई थी। समिति के अध्यक्ष मेडिकल यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ आरएस शर्मा बनाए गए हैं। साथ ही मेडिसिन डिपार्टमेंट के असिस्टेंट डॉ प्रशांत पुणेकर, पैथॉलॉजी के डॉ राजेश महोबिया व नर्मदा मिशन के अध्यक्ष निलेश रावल इस समिति के सदस्य हैं। समिति सात दिन तक 24 घंटे संत की निगरानी करेगी। जबलपुर के रहने वाले भैया जी समर्थ सरकार 1300 दिन से अन्न नहीं ग्रहण कर रहे हैं। वे केवल नर्मदा जल ग्रहण करते हैं।
ऐसा निर्णय नर्मदा के प्रदूषण से दुखी होकर लिया था। अब तक वे मां नर्मदा की तीन हजार किलोमीटर की परिक्रमा कर चुके हैं। वे नर्मदा दर्शन के लिए हर दिन 25 किलोमीटर की यात्रा करते हैं। मेडिकल टीम की जांच के बाद रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी।
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