बैठक उपरांत कलेक्टर को सौंपे गये ज्ञापन में सभी सदस्यों ने कहा कि जिला पंचायत की विभिन्न समितियों की बैठकें 2 वर्ष में महज 1-2 बार ही हुई। संबंधित समितियों के अधिकारी-कर्मचारी सदस्यों के अनुमोदन के बगैर ही कार्य कर रहे हैं। इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ को भी अवगत कराया गया किंतु उन्होंने कभी कोई कार्रवाई नही की। जिपं के सदस्यों का कहना है कि ग्राम पंचायतों में सांसद निधि, विधायक निधि, पंचपरमेश्वर की जो राशि जारी की गयी उसकी सूची किसी भी जिला पंचायत सदस्य को उपलब्ध नही करायी गयी। वहीं ओडीएफ कार्यक्रम के तहत होने वाले कार्यो में भी जिपं सदस्यों की उपेक्षा की गयी। जिला पंचायत द्वारा प्रचार-प्रसार के लिए जो होर्डिंग्स लगाये जाते हैं उनमें किसी भी सदस्य की फोटो नही दी जाती। इधर कलेक्टर डॉ. आरआर भौंसले ने कहा कि पहली बार सदस्यों की शिकायतें मेरे संज्ञान में आयीं हैं। सदस्यों की शिकायतों व समस्याओं को दूर करने को कहा है।