जबलपुरPublished: Apr 06, 2021 08:21:33 pm
shyam bihari
जबलपुर में भी 13 अप्रैल को होगी घट-कलश स्थापना
Navratri special : पहाड़ी पर विराजी चामुंडा देवी
जबलपुर। इस बार अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग में चैत्र नवरात्र का आरंभ हो रहा है। 13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि लग रही है। इसी दिन नवरात्र घट स्थापना भी की जाएगी। इस दिन चंद्रमा मेष राशि में रहेंगे, देर रात सूर्य भी मेष में आएंगे। ऐसे में यह भी अद्भुत संयोग है कि राशि चक्र की पहली राशि में चैत्र नवरात्र यानि संवत के पहले दिन ग्रहों के राजा और रानी स्थित होंगे। नवरात्र का आरंभ अश्विनी नक्षत्र में होगा, जिसके स्वामी ग्रह केतु और देवता अश्विनी कुमार हैं जो आरोग्य के देवता माने जाते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि माता देश दुनिया में व्याप्त महामारी से परेशान लोगों को राहत दिलाएंगी। इस बार नवरात्र पर मां अश्व पर सवार होकर आ रही हैं, जिसका प्रभाव गम्भीर माना जाता है। ग्रहों के शुभ प्रभाव से इस संदर्भ में कोई चमत्कारी रास्ता भी निकल सकता है। इस बीच गुरु भी मकर राशि से कुंभ में आ चुके होंगे। गुरु का यह परिवर्तन भी कठिन समय से कुछ राहत दिलाने वाला होगा।
अमृत सिद्धि योग
पंडित जनार्दन शुक्ला के अनुसार अमृत सिद्धि योग विशेष शुभता प्रदान करने वाला और हर कार्य में लाभ देने वाला माना गया है। ज्योतिषशास्त्र में ऐसा माना जाता है कि अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग एक साथ आते हैं। मान्यता है कि अमृत सिद्धि योग में जो कार्य किए जाते हैं उनमें स्थायित्व की प्राप्ति होती है। शुभ फल देने वाले माने जाते हैं। इसलिए माना जा रहा है कि यह नवरात्र पर्व विशेष शुभ फल प्रदान करने वाला होगा। भूमि पूजन, भवन निर्माण या फिर कोई नया कामधंधा इस नवरात्र में आरंभ कर सकते हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग
सर्वार्थ सिद्धि योग का सम्बंध मां लक्ष्मी से होता है। माना जाता है कि यह योग जिस दिन लगा हो उस दिन कार्य करने से बिना बाधा के वह कार्य पूर्ण होता है और सुख समृद्धि आती है। शास्त्रों के अनुसार नवरात्र का पहला दिन बहुत महत्व रखता है। इस दिन घटस्थापना यानि कलश स्थापना करने का विशेष महत्व है।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
कलश की स्थापना चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है। इस बार प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ- 12 अप्रेल सुबह 08.00 बजे प्रतिपदा तिथि समाप्त- 13 अप्रेल सुबह 10.16 बजे तक कलश स्थापना शुभ मुहूर्त- 13 अप्रेल सुबह 05.58 बजे से 10.14 बजे तक कुल अवधि- 4 घंटे 16 मिनट है। मंगलवार से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो रही है। ऐसे में मां अश्व पर आएंगी। इसे गम्भीर माना जाता है। देवी भागवत पुराण के अनुसार, जब भी नवरात्रि पर मां अश्व की सवारी कर आती हैं तो प्रकृति, सत्ता आदि पर प्रभाव देखने को मिलते हैं। इसके कारण युद्ध, आंधी-तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाएं आती हैं। ऐसे में नवरात्र का पूजा कलश रखते समय व्यक्ति को रक्षा करने की भी प्रार्थना अवश्य करनी चाहिए।