जन्म : 01, 10, 19, 28
भूमि-भवन से संबंधित कामकाज को निपटाने में स्वयं का पैसा व्यर्थ ही खर्च हो सकता है। ऋण का भुगतान समय पर न कर पाने के कारण अपमानित होना पड़ सकता है।
अनुकूलता के लिए – कनेर का पुष्प अपने पास में रखें।
जन्म : 2, 11, 20, 29
कोर्ट-कचहरी के काम में नतीजे सोच के विपरित रहेंगे। कामकाज की गति में अचानक रूकावटें आ सकती है। अपने से वरिष्ठ अजनबियों केक्रक्रोध का शिकार हो सकते हैं।
अनुकूलता के लिए – कुमकुम का तिलक लगाकर कार्य शुरू करें।
जन्म : 3, 12, 21, 30
साझे व्यापार से तरक्की की नई राहें खुलेगी अत: अपनी भागीदारी के प्रति पूर्णत: वफादार बने रहे। मंदी के दौर में साझा व्यापार का महत्व समझते हुए अपनाना होगा।
अनुकूलता के लिए – श्वान को टुकड़े कर रोटी खिलाएं।
जन्म : 4, 13, 22, 31
अतिरिक्त काम में पत्नी के सहयोग से महत्वपूर्ण व जटिल कार्य आसानी से कर पाएंगे। सहकर्मियों के साथ आपस में प्रतिस्पर्धा को देखते हुए सावधानी बरतने की जरूरत रहेगी।
अनुकूलता के लिए – गरीबों को यथाशक्ति गर्म कपड़े दें।
जन्म : 5, 14, 23
व्यसन परिवार से दूर कर सकते हैं। संस्थान का लाभ अपनी अकर्मण्यता से हानि में बदल सकता है। आज का समय तकरीबन मामले से निश्चित हो गृहस्थी को दे पाएंगे।
अनुकूलता के लिए – देवी मंदिर लाल पुष्प की माला चढ़ाएं।
जन्म : 6, 15, 24
जमीनों के कार्य में अल्पावधि के लिए तेजी के रूख रहने से फायदा लेने का प्रयत्न करें। जनहित के कार्यों को अपेक्षा की भावनाओं से परे हटकर करते रहना होगा।
अनुकूलता के लिए – प्रात:काल कुछ देर प्रभु स्मरण करें।
जन्म : 7, 16, 25
एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में खुद को बनाए रखने के लिए मशक्कत करना पड़ सकती है। अकारण चिंताओं से बचने के लिए अल्प समय के लिए यात्रा का सहारा लें।
अनुकूलता के लिए – जीवमात्र के प्रति दयाभाव रखें।
जन्म : 8, 17, 26
तेजी-मंदी के व्यवसाय में दूसरों को देखकर भेड़चाल चलने से नुकसान उठाना पड़ सकता है। समाज में बनाए संबंधों से व्यवसाय में लाभ उठाने की कोशिश में सफल रहेंगे।
अनुकूलता के लिए – जोखिम के कार्य करने से बचें।
जन्म : 9, 18, 27
कनिष्ठ वर्ग की लापरवाही से कार्यालय में अतिरिक्त काम की जिम्मेदारी अपने ऊपर आ सकती है। प्रतियोगी परिक्षाओं के प्रतिभागी कार्यप्रणाली से भविष्य के प्रति निश्चिंत रहेंगे।
अनुकूलता के लिए – देवी मंदिर में हलवे का भोग लगाएं।
सिंह लग्न में मेष राशि के सूर्य की दृष्टि के फल
ऐसे जातक जिनकी कुण्डली में मेष राशि के सूर्य सातवीं नीच दृष्टि से भाई के स्थान को शत्रु शुक्र की तुला राशि में देख रहे हैं अत: भाई-बहन का संबंध असंतोष रूप में प्राप्त करेंगे। पराक्रम स्थान में लापरवाही करेंगे। पुरूषार्थ की तुलना में भाग्य को बड़ा मानेंगे व कभी-कभी किसी छोटे कार्य को करेंगे। मेष राशि के सूर्य भाग्य स्थान में उच्च के होकर मित्र मंगल की राशि में बैठे हैं तो भाग्य की बड़ी शक्ति प्राप्त करेंगे व देह में बड़ी भारी प्रभाव शक्ति प्राप्त करेंगे। धर्म व ईश्वर में विश्वास करेंगे। भाग्यवान समझे जाएंगे व देह में स्थूलता प्राप्त करेंगे ।