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कॉलगर्ल के साथ कमरे में पकड़े गए तहसीलदार व एसडीएम, वीडियो में देखें कैसे मचा हड़कम्प

पुलिस ने किया मामले को रफा-दफा करने का प्रयास

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Officers objectionable position with callgirls

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जबलपुर। धनवंतरि नगर थाना क्षेत्र में एक एसडीएम व तहसीदार के लड़कियों के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़े जाने की खबर से शहर में सनसनी मच गई। मामला सोशल मीडिया पर चल रहे कमेंट के बाद सामने आया। बताया गया है कि एसडीएम व तहसीलदार शुक्रवार की रात में कमरे आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए थे। मौके पर गई पुलिस टीम ने वहीं मामले को रफा-दफा कर दिया। कलेक्टर छवि भारद्वाज ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

पुलिस ने मारा था छापा
जानकार सूत्रों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में तैनात एसडीएम व तहसीलदार यहां धनवंतरि नगर क्षेत्र में एक मकान में संदिग्ध हालत में मौजूद थे। कुछ लोगों ने धनवंतरि नगर थाने में सूचना दी कि यहां तहसीलदार के घर के कमरे में कुछ लोग मौजूद हैं। उनके साथ संदिग्ध लड़कियां भी हैं। संभवत: मामला देह व्यापार से जुड़ा हो सकता है। सूचना पर पुलिस ने मौके पर दबिश दी और एसडीएम व तहसीलदार को लड़कियों के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया। बताया गया है कि इस समय वहां कुछ तथाकथित पत्रकार भी पहुंच गए थे। अधिकरियों के दबाव में मामले को मौके पर ही निबटा लिया गया। इसकी भनक किसी को नहीं लग पाई। सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल होने के बाद घटनाक्रम सामने आया और अधिकारियों में हड़कम्प मच गया। कलेक्टर छवि भारद्वाज व एसपी अमित सिंह ने स्वीकार किया है कि पाटन एसडीएम पीके सेनगुप्ता व शहपुरा तहसीलदार अनूपू श्रीवास्तव के पकड़े जाने की घटना सामने आई है। इसे जांच में लिया गया है।

कलेक्टर की दो टूक
कलेक्टर छवि भारद्वाज ने स्पष्ट कहा है कि आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए दोनों अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि वह इस तरह का घृणित कार्य करने वाले अन्य अधिकारियों के लिए एक कड़ा सबक बन जाए। कलेक्टर ने कहा कि इस संबंध में एसपी अमित सिंह से भी बात की गई है। उन्होंने भी जांच के निर्देश दिए हैं कि वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाने की बजाए मामले को मौके पर ही कैसे खत्म कर दिया गया। इस मामले में धनवंतरि थाना प्रभारी, छापा मारने गई टीम के अन्य सदस्यों व तथाकथित पत्रकारों पर भी गाज गिर सकती है।

उस्ताद हैं दोनों अधिकारी
जानकार सूत्रों का कहना है कि कथित एसडीएम व तहसीलदार का अचार व्यवहार व कार्यशैली शुरू से ही चर्चाओं में रही है। लोगों का कहना है कि इनके दफ्तर में कोई भी जायज काम तक करा लेना इतना आसान नहीं था। समय पर काम नहीं होने से लोग त्रस्त थे। कई ने लेन-देन के आरोप भी लगाए थे। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। इधर पाटन एसडीएम पीके सेनगुप्ता व शहपुरा तहसीलदार अनूपू श्रीवास्तव का कहना है कि उन्हें षडय़ंत्र के तहत मामले में फंसाया गया है। कलेक्टर के निर्देश पर अब मामले को जांच में लिया गया है। फिलहाल दोनों अधिकारियों की करतूत शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है।