
Old books
Old books : स्कूलों में परीक्षाओं का अंतिम दौर है। परीक्षा समाप्त होते ही इस सत्र की किताबें आपके बच्चे के लिए अनुपयोगी हो जाएंगी। अधिकतर रद्दी वाले को बेच दी जाएंगी। हर साल यही च₹ दोहराया जाता है। इसमें थोड़ा सा परिवर्तन किसी जरूरतमंद के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है। आपके बच्चे की पुरानी किताब किसी जरुरतमंद के लिए ज्ञान का उजियारा ला सकती है।
शहर के 4 लाख छात्रों में से 2 लाख से अधिक छात्र निजी स्कूलों में पढ़ते हैं। परीक्षाओं के बाद इनकी पुरानी किताबें यूं ही बेकार हो जाती हैं। यदि सामाजिक संगठनों, अभिभावकों और प्रशासन की मदद से इन्हें जरूरतमंद छात्रों तक पहुंचाया जाए, तो यह कई बच्चों के लिए नई रोशनी बन सकती हैं। हाथ जुड़ें तो स्थिति बदल सकती है।
इस पहल को सफल बनाने के लिए केवल स्कूलों की जिम्मेदारी पर्याप्त नहीं होगी। अभिभावकों को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। सामाजिक संगठनों की सहायता से इन किताबों को इकट्ठा कर सही जगह पहुंचाया जा सकता है। प्रशासन की ओर से सहयोग मिले तो यह एक बड़े स्तर पर प्रभावी योजना बन सकती है।
जिला प्रशासन 25 मार्च से शहीद स्मारक प्रांगण में पुस्तक मेला आयोजित कर रहा है। यह मेला छात्रों के लिए पुरानी किताबों का संग्रह करने का बेहतरीन केन्द्र बन सकता है। प्रशासन, शिक्षा विभाग और सामाजिक संगठन के इस पहल को समर्थन से हजारों जरुरतमंद बच्चों को किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी तो संकल्प लें इस पहल से जुड़ने का।
Old books : एक सराहनीय पहल है। इससे जरूरतमंद बच्चों का काफी हद तक बोझ कम होगा। अभिभावकों और संगठनों को भी इसमें आगे आना चाहिए। विभाग प्रशासन के साथ मिलकर हर संभव सहयोग देगा।
Updated on:
11 Mar 2025 11:02 am
Published on:
11 Mar 2025 10:53 am
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