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खराब हो रहे रेकॉर्ड रूम में रखे पुराने दस्तावेज

राजस्व रिकॉर्ड का मामला, सही नहीं रखरखाव, डिजीटाइजेशन का काम धीमा, लाखों की तादाद में हैं पन्ने    

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The old record kept in the revenue records area of ​​the district is not in a better position

The old record kept in the revenue records area of ​​the district is not in a better position

जबलपुर. जिले के राजस्व रिकॉर्ड रूम में रखे पुराने रेकॉर्ड बेहतर स्थिति में नहीं है। अव्यवस्थित होने के कारण कई बार इसके लिए लोगों को महीनों भटकना पड़ता है। खसरा और नक्शा की नकल तो आसानी से मिल जाती है लेकिन यदि 10 से 20 साल पुराना कोई रेकॉर्ड चाहा गया तो वक्त लगता है। इनका डिजीटाइजेशन जरूर हो रहा है लेकिन गति धीमी है। ऐसे में रेकॉर्ड खराब होने का खतरा बना रहता है। बारिश के मौसम में नमी रहती है, ऐसे में पुराने कागजों पर बुरा असर होता है।

रेकॉर्ड रूम में 1909-10 से पहले और उसके बाद के दस्तावेज हैं। इसमें मिसल बंदोबस्त, कस्तबंदी यानी अधिकार अभिलेख, नामांतरण पंजी, निस्तार पत्रक, खसरा व खतौनी से लेकर दूसरे महत्वपूर्ण दस्तावेज सुरक्षित रखने का प्रावधान है। लेकिन इतने सालों तक कागज के इन दस्तावेजों को सहेजकर रखना आसान नहीं होता। इस पर ज्यादा ध्यान भी नहीं दिया जाता है। कई तो बेहद नाजुक स्थिति में हैं। इनका कागज खराब हो चुका है। यह रूम में बिखरे भी रहते हैं। इस संबंध में रेकॉर्ड रूम के प्रभारी और अधारताल एसडीएम आशीष पांडे ने बताया कि रेकॉर्ड रूम को व्यवस्थित करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हाल में इसका चार्ज लिया है। क्या अच्छा हो सकता है, इसकी योजना बनाएंगे।

रोजाना आते हैं नए प्रकरण

दस्तावेजों के लिए कई बार लोग भटकते भी हैं। भीटा फुलर शहपुरा क्षेत्र से आए प्रेम सिंह ने बताया कि पट्टे की नकल के लिए करीब बीस दिन पहले आवेदन दिया था। लेकिन राजस्व विभाग से उसकी विधिवत नकल नहीं मिल पाई है। ऐसे ही कुछ प्रकरण मंगलवार को हुई जनसुनवाई में आए। मझौली निवासी पिंकी चौकसे ने आवेदन लगाया कि उन्होंने बंदोबस्त के बाद उन्होंने 1990 से 93 तक खसरा की नकल मांगी तो मझौली तहसील से नहीं दी गई। उन्हें जबलपुर रेकॉर्ड रूम भेजा गया। लेकिन यहां भी उन्हें समय पर इसकी नकल नहीं मिल पा रही है। रेकॉर्ड के लिए ऐसे ही लोग भटकते रहते हैं।

छह लाख से ज्यादा पेज अपडेट

राजस्व रेकॉर्ड का डिजीटाइजेशन कराया जा रहा है। पूर्व में जब इस काम के लिए कंपनी नियुक्त की गई थी तो उसके द्वारा करीब 6.50 लाख पन्नों के रेकॉर्ड को स्कैन किया गया। लेकिन उसने काम बंद कर दिया है। मौजूदा समय में मॉडर्न रेकॉर्ड रूम में अधीक्षक भू-अभिलेख कार्यालय के द्वारा तहसीलवार रेकॉर्ड स्कैन कराया जा रहा है। इसमें भी 6 लाख 60 हजार से ज्यादा पन्नों को स्कैन कराया जा रहा है।

इतना रेकॉर्ड होना है अपडेट

तहसील कुल पृष्ठ
पनागर 81833

पाटन 143138
जबलपुर 123091

कुंडम 139402
मझौली 72698

शहपुरा 62918
सिहोरा 37970


रेकॉर्ड रूम को पहले से ज्यादा व्यवस्थित करने का प्रयास किया जाएगा ताकि आम लोगों को अभिलेखों की नकल प्राप्त करने में कठिनाइयां नहीं हों। ऐसे में कुछ प्रमुख कार्यों के निपटारे के लिए अधिकारियों की टीम भी तैयार की जा रही हे।

भरत यादव, कलेक्टर