22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

30 सितंबर तक सुलझा दिए जाएंगे हाईकोर्ट-जिला न्यायालय के पेडिंग केस, कैंपेन शुरु

MP News: 30 सितंबर तक मीडिएशन फॉर द नेशन कैंपेन चलेगा। इस कैंपेन के तहत सभी न्यायालय में पेडेंसी को कम करने के लिए समझौते योग्य केसों को चिह्नित किया जाएगा।

less than 1 minute read
Google source verification
(फोटो सोर्स: AI Image)

(फोटो सोर्स: AI Image)

MP News: हाईकोर्ट व जिला न्यायालय, तहसील न्यायालय में लंबित पड़े केसों के निपटाने की पहल की है। ऐसे केसों की छटनी शुरू हो गई है, जिन्हें आपसी समझौते के तहत निराकृत किया जा सकता है। हाईकोर्ट की बैंचों में 20-20 ऐसे केस लिस्ट किए जा रहे हैं, जिन्हें समझौते के तहत खत्म किया जा सकता है। इसलिए उनके अधिवक्ता या पक्षकर से सहमति ली जा रही है। सहमति आने पर मध्यस्थता के लिए केसों को भेजा रहा है, जो केस सालों से न्यायालय में लंबित पड़े हैं, उनका निराकरण हो सकेगा।

दरअसल 1 जुलाई से 30 सितंबर के बीच मीडिएशन फॉर द नेशन कैंपेन चलेगा। इस कैंपेन के तहत सभी न्यायालय में पेडेंसी को कम करने के लिए समझौते योग्य केसों को चिह्नित किया जाएगा। न्यायालय से रेफर होकर विधिक सेवा प्राधिकरण के पास आएंगे। पक्षकारों के बीच समझौता कराया जाएगा और उनका जो विवाद चल रहा है, उसे खत्म किया जाएगा।

पुराने केसों को भी लाया जा रहा

-हाईकोर्ट में 52 हजार 256 प्रकरण सिविल व 37 हजार 496 क्रिमिनल केस लंबित हैं। इनमें ऐसे कई केस हैं, जो लंबे समय से सुनवाई में नहीं आ सके है। ऐसे केसों को सुनवाई में लाया जा रहा है। इससे उन्हें भी तारीख मिलने लगे। 15 से 20 साल पुराने केस कॉजलिस्ट में आने लगे हैं।

-पुराने केसों में से भी समझौते योग्य केसों की छंटनी की जा रही है।

इनमें होगा समझौता

-बीमा कंपनियों के खिलाफ सबसे ज्यादा केस लंबित हैं। दुर्घटना क्लेम को निराकरण के लिए पक्षकार व बीमा कंपनी के बीच समझौता कराया जाएगा।

-वैवाहिक प्रकरण, चैक बाउंस, वसूली, समझौते योग्य आपराधिक प्रकरण जैसे कि दहेज प्रताडऩा आदि केसों को सुना जाएगा।

-समझौते योग्य केसों का निराकरण होने से न्यायालयों की पेडेंसी कम होगी।