
One and a half million paddy bags Rotten
जबलपुर. सिहोरा. मध्यप्रदेश वेयर हाउस लॉजिस्टिक कॉरपोरेशन के गोसलपुर स्थित ओपन कैप में रखी एक लाख 28 हजार बोरी धान बरसात के पानी में सड़ गई है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होने और ओपन कैप में तैनात कर्मचारियों अनदेखी कारण बरसाती से ढंकी धान भीग गई। धान के सडऩे से उड़ती सड़ांध से क्षेत्र में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बन गया है।
2018-19 में की गई थी खरीदी
खरीफ की प्रमुख फसल धान की सरकारी खरीदी वर्ष 2018-19 में जिले में की गई थी। ओपन कैप गोसलपुर में सुरक्षित भंडारण के लिए 7 लाख 20 हजार धान की बोरियां रखी गई थीं। बोरियों की छल्ली लगाने में बड़ी चूक की गई। नीचे से पानी के बहने के लिए जगह नहीं छोड़ी गई, साथ ही बोरियों को ढंकने में जिस पन्नी का उपयोग किया गया, उसकी क्वॉलिटी घटिया होने से वह हवा के झोके में फट गई। बरसात में पानी का रिसाव होने से बोरियां गीली हो गई और उसमें रखी धान सड़ गई।
खाली पड़े वेयरहाउस में नहीं पहुंचाई धान
वर्ष 2018 में अक्टूबर से शुरू हुई सरकारी खरीद की धान फरवरी 2019 में ओपन कैप में भंडारित की गई, यह इंतजाम तत्कालिक था। सरकारी और निजी वेयरहाउस खाली होने पर ओपन कैप में रखी धान को वहां सुरक्षित भंडारित करना विभाग का काम था, लेकिन विभाग ने ओपन कैप में धान के भंडारण और बाद में खाली पड़े वेयरहाउस में उसे पहुंचाने में बड़ी लापरवाही की। धान की सुरक्षा के लिए तैनात कर्मचारियों ने बरसात के पूर्व फटी पन्नी को नहीं बदला। 15 जून से शुरू हुई बरसात 3 महीने 15 सितंबर तक की बारिश में ओपन कैप में रखी धान की सवा लाख बोरियां सड़ गईं।
ओपन कैप में रखी धान का बीमा कराया गया था। सड़ी धान की मात्रा की जानकारी सम्बंधित बीमा कंपनी को भेजी गई है। बीमा कंपनी विभाग को खराब हुई धान का पैसा देगी।
संदीप त्रिपाठी, प्रभारी, ओपन कैप
Published on:
22 Sept 2019 01:25 am
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