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VIDEO: भगत सिंह के इस FAN को आप भी करेंगे सलाम

मेरा रंग दे बसंती चोला..., यह गीत ही रगों में जोश भर देता है। बसंत की ही बयार है और शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को सलामी देने का दिन है।

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Prem Shankar Tiwari

Apr 01, 2016

Deepak Dubey commando trainer

Deepak Dubey commando trainer

प्रेमशंकर तिवारी, जबलपुर। मेरा रंग दे बसंती चोला..., यह गीत ही रगों में जोश भर देता है। बसंत की ही बयार है और शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को सलामी देने का दिन है। इन वीर सपूतों ने मातृभूमि की आन, बान और शान के लिए हंसते-हंसते जान दे दी। पूरा देश इन वीरों की शहादत पर नतमस्तक है। हजारों युवा इनके कायल हैं...। दीवानों की फेहरिस्त में एक नाम कमांडो ट्रेनर शौर्य भारद्वाज का भी है। इनकी मूंछों, इनके अंदाज से लेकर पहनावे और जिगर तक... हर तरफ केवल भगत सिंह हैं। इन्होंने अपने घर का नाम ही भगत सिंह हाउस रख लिया है। शौर्य भारद्वाज सेना के कमांडोज को तो मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देते ही हैं, देश भर में 38 लाख से अधिक बच्चियों को आत्मरक्षा के गुर सिखा चुके हैं।

हो जाऊं जब शहीद, तो मेरी यही पहचान लिख देना,
उठाना मेरा ही ख़ंजर और छाती पर हिंदुस्तान लिख देना... ये पंक्तियां उनका ध्येय वाक्य हैं।

Commando trainer Deepak

हस्ताक्षर ही जिंदाबाद
शहीदे आजम भगत सिंह के प्रति दीवानगी ही कहें कि शौर्य भारद्वाज अपनी हर शर्ट और टी शर्ट तक में भगत सिंह का मोनो लगाते हैं। संभवत: वे देश के ऐसे पहले युवा होंगे जिनके हस्ताक्षर में ही इंकलाब जिंदाबाद लिखा होता है। बैंक अकाउंट हो, आधार कार्ड हो, पेन कार्ड हो या फिर कोई अन्य सरकारी दस्तावेज... सभी में उनके हस्ताक्षर के साथ इंकलाब जिंदाबाद की मुहर है। शौर्य की मूंछों का अंदाज और बातचीत का लहजा भी शहीदे आजम के जोश की याद दिलाता है। वे लोगों का अभिवादन भी जय हिन्द बोलकर करते हैं।

Commando trainer Deepak

गजब का हौसला
अजब हौसले के धनी शौर्य भारद्वाज मार्शल आर्ट में माहिर हैं। 33 वर्षीय शौर्य ने देश के जवानों को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण देना ही अपने जीवन का लक्ष्य बनाया है। गूगल के अनुसार ग्रांड मास्टर शिफूजी शौर्य भारद्वाज विश्व के बेस्ट कमांडो , सर्वश्रेष्ठ कमांडो ट्रेनर और चीफ़ कमांड़ोस मेंटॉर के तौर पर जाने जाते हैं, जो कि भारतीय सशस्त्र सेनाओं के उत्कृष्ट और सबसे घातक कमांडोज को तैयार करते हैं।

घर से झांकता है समर्पण
जबलपुर के त्रिमूर्तिनगर निवासी शौर्य भारद्वाज उर्फ दीपक दुबे यूं तो अब मुंबई में रह रहे हैं। लेकिन त्रिमूर्ति नगर स्थित उनका घर ही उनके शहीदे आजम के प्रति समर्पण की कहानी सुनाता नजर आता है। उन्होंने घर के सामने ही भगत सिंह का बड़ा फ्लैक्स लगाकर रखा है और नेम प्लेट में घर का नाम भगत सिंह हाउस लिखाया है। पिता केजी दुबे फैक्ट्री से सेवानिवृत्त हैं। मां आशा देवी गृहणी हैं। सभी को शौर्य पर नाज है। शौर्य, पत्नी आरती व 3 वर्षीय पुत्र राजवीर के साथ मुंबई में रहते हैं। शौर्य की तमन्ना पुत्र राजवीर को भारत मां का सच्चा सपूत बनाने की है। वे उसे अभी से तैयार कर रहे हैं।

फिल्मों में ट्रेनिंग
कई विशाल बजट एक्शन फिल्मों में शौर्य भारद्वाज उर्फ दीपक दुबे की मदद ली जाती है। बागी फिल्म में वे चीफ एक्शन डिजाइनर, चीफ एक्शन मेंटोर और चीफ एकशन कंसल्टेंट हैं। शौर्य के अनुसार वे बॉलीवुड के लगभग सभी टॉप स्टंट्समैन को भी ट्रेनिंग देते हैं। जिन्होंने वांटेड, राउडी राठौड़, बाहुबली, रेडी, बाजीराव-मस्तानी, फोसज़्, किक ,खिलाड़ी 786, बॉडी गाडज़्, बैंग बैंग ,कमांडो, हीरोपनती , जैसी फिल्मों में बॉडी डबल्स और स्टंट किए हैं। युवाओं के बीच में वे दूसरे भगत सिंह के नाम से मशहूर हैं। शौर्य ने कहा कि मुझे नाज है कि लोग मुझे भगत सिंह का शिष्य कहकर पुकारते हैं।

लिंक पर क्लिक करके वीडियो में देखें दीपक का अंदाज -

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