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प्रशासन की शायद नींद टूट गई है … नर्मदा में मिलने वाले गंदे नालों का होगा स्थायी समाधान

जबलपुर में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एसपी गौतम ने किया निरीक्षण  

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Siberian Birds in Narmada

Siberian Birds in Narmada

जबलपुर। ग्वारीघाट क्षेत्र, जबलपुर में सिद्धघाट और खारीघाट में नर्मदा नदी में मिल रहे दो गंदे नालों की समस्या का जल्द ही स्थायी समाधान निकल जाएगा। समाजसेवी डॉ. जितेंद्र जामदार व स्वामी गिरीशानंद की पहल पर रविवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एसपी गौतम ने नगर निगम के अफसरों के साथ दोनों स्थलों का निरीक्षण किया। स्थानीयजन और अफसरों से उन्होंने इस समस्या के स्थायी निदान के सम्बंध में चर्चा की। जल्द ही अफसरों और सभी सम्बंधितों के साथ बैठक कर इस सम्बंध में रूपरेखा तैयार की जाएगी। नगर निगम अफसरों के मुताबिक फिलहाल नर्मदा जयंती तक इन दोनों गंदे नालों का प्रदूषित जल नर्मदा में न मिले, इसकी व्यवस्था की जा रही है।

डॉ. जामदार ने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गौतम के साथ उनकी इस सम्बंध में गहन चर्चा हुई। उन्होंने व स्थानीयजन ने गौतम को इन नालों की भौगोलिक स्थिति और इनका दूषित पानी नर्मदा में मिलने से रोकने के लिए सुझाव दिए। निरीक्षण के दौरान मौजूद नगर निगम के अधिकारी संजय सिंह ने बताया कि खारीघाट में मिलने वाला बड़ा गंदा नाला स्थायी तौर पर डायवर्ट किया जाएगा। इसे नावघाट के समीप स्थित नगर निगम के शोधन प्लांट से जोड़ा जाएगा। फिलहाल इस नाले पर स्टॉप डैम बनाकर इसका पानी नर्मदा में मिलने से रोकने का काम चल रहा है। नर्मदा जयंती से पूर्व यह कार्य कर लिया जाएगा।
प्राकृतिक झिर के पहले बनेगा सोकपिट
सिंह ने बताया कि सिद्धघाट में नर्मदा नदी में एक प्राकृतिक झिर का जल आकर मिलता है। यह शुद्ध रहता है। लेकिन, इसमें ऊपर से आने वाला समीपी रहवासी इलाके का प्रदूषित गंदा पानी आकर मिलता है, जो झिर के पानी को भी प्रदूषित कर देता है। फिलहाल इस गंदे पानी को रोकने के लिए झिर के पहले सोकपिट बनाया जा रहा है। नर्मदा जयंती तक यह गंदा पानी इस सोकपिट के जरिए रोका जाएगा। बाद में इसके लिए स्थायी व्यवस्था कर इस प्रदूषित जल को नर्मदा में मिलने से रोक दिया जाएगा।