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एमपी में अलग से 5 प्रतिशत आरक्षण मांगा, जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

reservation in MP- एमपी हाईकोर्ट जबलपुर में दायर की गई इस याचिका में अलग से 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई है।

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Pil in the High Court for separate 5 percent reservation in MP

Pil in the High Court for separate 5 percent reservation in MP

reservation in MP- मध्यप्रदेश में आरक्षण पर एक और जनहित याचिका लगाई गई है। एमपी हाईकोर्ट जबलपुर में दायर की गई इस याचिका में अलग से 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई है। इसमें अनाथ बच्चों को अलग वर्ग में वर्गीकृत कर उनकी शिक्षा और रोजगार के लिए आरक्षण मांगा गया है। देश के कुछ राज्यों जैसे दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड आदि में अनाथ बच्चों को आरक्षण की व्यवस्था है। इसी तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी अनाथ बच्चों के लिए अलग से 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश सरकार से जवाब मांगा है।

याचिका में कहा गया है कि महाराष्ट्र और उत्तराखंड में अनाथ बच्चों को शिक्षा और रोजगार में 5 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। संसद में 9 जुलाई 2024 को बिल क्रमांक 89/2024 प्रस्तुत किया गया जिसमें अनाथों को अलग वर्ग घोषित कर आरक्षण की मांग की गई है। दिल्ली विश्वविद्यालय में अनाथ छात्रों को प्रत्येक संकाय में आरक्षण दिया जा रहा है।

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शिक्षा और रोजगार में कम से कम 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग

दिशा एजुकेशन एंड फाउंडेशन के अध्यक्ष कैलाश कुमार वासनिक ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता वासनिक लंबे समय से अनाथ बच्चों की शिक्षा के लिए कार्य कर रहे हैं। याचिका क्रमांक WP/11451/2025 में मध्यप्रदेश में अनाथ बच्चों को अलग वर्ग में वर्गीकृत कर आरक्षण मांगा गया है। इनके लिए शिक्षा और रोजगार में कम से कम 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई है।

खंडपीठ ने सरकार को नोटिस जारी किया

सोमवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कैत और न्यायाधीश विवेक जैन की खंडपीठ ने सरकार को नोटिस जारी किया। इसमें सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका की स्थिति की जांच कर अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट को तथ्यों से अवगत कराने को कहा गया है। अगली सुनवाई 5 मई को रखी गई है।