18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

प्लॉट का डायवर्सन कराने नहीं लगाने पड़ेंगे कलेक्ट्रेट के चक्कर, घर पर खुद करें, जानें पूरी विधि

बड़ी खबर: प्लॉट का डायवर्सन कराने नहीं लगाने पड़ेंगे कलेक्ट्रेट के चक्कर, घर पर खुद करें, जानें पूरी विधि

2 min read
Google source verification
plots diversion in mp

plots diversion in mp

जबलपुर. जमीन डायवर्सन के लिए भूमि स्वामी को अब नहीं भटकना होगा। भूमि स्वामी अपनी जमीन का भू राजस्व संहिता के नए प्रावधानों के अनुसार स्वयं डायवर्सन कर सकेगा। उसे एसडीएम न्यायालय से अनुमति लेने की भी आवश्यकता नहीं होगी। उसे केवल डायवर्सन के अनुसार भूमि उपयोग के लिए देय भू-राजस्व एवं प्रीमियम की राशि की स्वयं गणना कर राशि जमा कराना होगी। इसकी सूचना एसडीएम को देनी होगी। प्राप्त हुई रसीद ही डायवर्सन का प्रमाण मानी जाएगी। राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने बताया की अनुज्ञा लेने का प्रावधान अब समाप्त किया जा रहा है। भू-राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक-2018 पारित होने के साथ नई व्यवस्था लागू हो गई है।

news fact-

भू राजस्व संहिता में संशोधन
जमीन का डायवर्सन खुद कर सकेगा भूमि स्वामी

निजी एजेंसी करेगी सीमांकन
सीमांकन के मामले जल्दी निपटाने के लिए निजी प्राधिकृत एजेंसी की मदद ली जाएगी। यदि तहसीलदार द्वारा सीमांकन आदेश के बाद पक्षकार संतुष्ट नहीं है, तो वह अनुविभागीय अधिकारी को आवेदन कर सकेगा। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा विशेषज्ञ कर्मचारियों की टीम से सीमांकन करवाया जायेगा। पहले यह मामले राजस्व मण्डल ग्वालियर में प्रस्तुत होते थे। ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में राजस्व सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त से संबंधित रहे भू-राजस्व संहिता के अध्याय-7 एवं 8 को हटाकर एक अध्याय-7 भू-सर्वेक्षण के रूप में रखा जा रहा है। अब राजस्व सर्वेक्षण के स्थान पर भू-सर्वेक्षण की कार्यवाही कलेक्टर के नियंत्रण में
करवाई जाएगी।

पटवारी हल्के के स्थान पर सेक्टर
शहरी भूमि प्रबंधन को अधिक व्यवस्थित बनाने के लिए शहरी क्षेत्रों में अब पटवारी हल्के के स्थान पर सेक्टर का नाम दिया जाएगा। आयुक्त भू-अभिलेख को सेक्टर पुनर्गठन के अधिकार होंगे।

नामांतरण के बाद नि:शुल्क प्रति
नामांतरण का आदेश होने के बाद अब सभी संबंधित पक्षों को आदेश और सभी भू-अभिलेखों में दर्ज हो जाने के बाद उसकी नि:शुल्क प्रति दी जाएगी। यह प्रावधान भी किया गया है कि भूमि स्वामी जितनी चाहे, उतनी भूमि स्वयं के लिए रखकर शेष भूमि बांट सकेगा।