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सड़क पर गड्ढे नजर आएं तो इस सरकारी ऐप पर करें फोटो अपलोड, तुरंत होगा एक्शन

सड़क के गड्ढों को लेकर हमेशा शिकायत रहती है, लेकिन ऐसा फोरम नहीं मिलता, जहां शिकायत दर्ज करा सकें। अधिकारियों को बताया भी तो टेंडर की लम्बी-चौड़ी प्रक्रिया बताकर चुप करा देते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा...

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सड़क के गड्ढों को लेकर हमेशा शिकायत रहती है, लेकिन ऐसा फोरम नहीं मिलता, जहां शिकायत दर्ज करा सकें। अधिकारियों को बताया भी तो टेंडर की लम्बी-चौड़ी प्रक्रिया बताकर चुप करा देते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योेंकि लोक निर्माण विभाग ऐसा ऐप लांच कर रहा है कि खराब सड़क और गड्ढों की फोटो कोई भी नागरिक अपलोड कर सकेगा।

मोबाइल से फोटो

पॉटहोल रिपोर्टिंग सिटीजन मोबाइल ऐप के नाम से इसे लाने की तैयारी है। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि यह आम नागरिकों के लिए खुला रहेगा। कोई भी सडक़ सुधार के लिए अपनी सूचना फोटो के साथ भेज सकेगा। लोग अपने मोबाइल से गड्ढों की जिओटैग फोटो खींचकर जीपीएस लोकेशन के साथ ऐप में डालकर विभाग को सूचित कर सकेंगे। गड्ढों के फोटो जीपीएस लोकेशन के साथ कार्यपालन यंत्री को सीधे प्राप्त होंगे।

प्रोजेक्ट प्रबंधन का एकीकृत सिस्टम होगा

लोक निर्माण विभाग इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मेनेजमेंट सिस्टम पर भी काम कर रहा है। इससे विभाग की प्रक्रिया सुलभ हाोगी। विभागीय कार्यों में नई तकनीकी का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाएगा। इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मेनेजमेंट सिस्टम से सभी अनुमतियां कम्प्यूटरीकृत प्रणाली से जारी होने पर परियोजना प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी। निर्माण कार्यों की वित्तीय व भौतिक प्रगति की (रियल टाइम) मॉनिटरिंग, जिओटैग लोकेशन वर्तमान प्रगति की मॉनिटरिंग संभव होगी।

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सड़क सुधार की मिलेगी जानकारी

लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि जिन स्थानों के फोटो अपलोड होंगे, उनका मुआयना कर अधिकारी भौतिक स्थिति का परीक्षण करेंगे। गड्ढों को भरने और सुधार कार्य के फोटो सम्बंधित इंजीनियर उसी मोबाइल ऐप में विवरण के साथ लोड करेंगे। तभी यह प्रकरण समाप्त माना जाएगा। इसकी जानकारी सूचना देने वाले नागरिक के पास भी भेजी जाएगी। राज्य स्तर से शिकायतों की निगरानी व निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा।

हादसों की मानिटरिंग के लिए है ऐप

केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्रालय ने सडक़ हादसों की मॉनिटरिंग के लिए पहले से ही इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस (आईआरएडी) बना रखा है। जिसमें सडक़ की स्थिति के साथ दुर्घटनाग्रस्त वाहन की स्थिति की रिपोर्ट भी तैयार होती है। पुलिस विभाग भी विवेचना और हादसे की वजह को अपलोड करते हैं।

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