हाईकोर्ट ने मंगलवार को अंतरिम आदेश दिए हैं। जिसमें स्पष्ट कहा है कि कोरोनाकाल में सिर्फ ट्यूशन फीस ही ले सकेंगे। इसके अलावा किसी भी बच्चे का नाम नहीं काटा जाएगा। निजी स्कूलों ने कोर्ट से अन्य प्रकार के चार्जेस भी वसूल करने की मांग कोर्ट के समक्ष रखी। इसके बाद कोर्ट ने 10 सितंबर को अगली सुनवाई का दिन तय किया है।
स्कूल चैरिटेबल ट्रस्ट, पैसा कमाने का धंधा नहीं
इससे पहले 24 अगस्त को हाईकोर्ट में स्कूल फीस को लेकर सुनवाई हुई। जिसमें सीबीएसई की ओर से जवाब पेश किया गया, जिसमें सीबीएसई का कहना है कि जब वे किसी संस्था को स्कूल खोलने की मान्यता देते हैं, तब यह स्पष्ट कहा जाता है कि स्कूल एक चैरिटेबल ट्रस्ट होगा, यह पैसा कमाने का धंधा नहीं हो सकता और यदि पैसा कमाने जैसी कोई बात सामने आएगी तो मान्यता रद्द की जा सकती है।
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